Enter your Email Address to subscribe to our newsletters
बलिया, 19 दिसंबर (हि.स.)।
महान लोक कलाकार भिखारी ठाकुर की जयंती के उपलक्ष्य में साहित्यिक, सामाजिक व सांस्कृतिक संस्था संकल्प द्वारा उनके सुप्रसिद्ध नाटक गबरघिचोर का मंचन कलेक्ट्रेट स्थित ड्राॅमा हाल में किया गया। नाटक में अपने सधे हुए अभिनय से संकल्प के रंगकर्मियों ने दर्शकों को झकझोर कर रख दिया।
नाटक में गलीज नाम का युवक शादी कर अपनी पत्नी को गांव छोड़ कर कमाने परदेस चला जाता है। पति के जाने के बाद गलीज की बहू का गांव के ही एक युवक गड़बड़ी से संबंध हो जाता है। जिससे उसको एक लड़का होता है। समाज की सारी लानतों के बावजूद वह अपने पुत्र को बड़े प्यार से पालती है। गलीज को परदेस में उसके गांव का कोई यह घटना बता देता है। गलीज लौटता है और पत्नी को छोड़ गबरघिचोर को अपने साथ शहर ले जाना चाहता है, लेकिन गलीज की बहू बच्चे को छोड़ने को तैयार नहीं होती है। तब पंच आते हैं और तीनों से सबूत पेश करने को कहते हैं। तीनों बेटे के हक में अपना-अपना सबूत पेश करते हैं। तब पांचों ने निर्णय लिया कि गबरघिचोर को काटकर तीन हिस्सों में बराबर बांट दिया जाए। इस पर गलीज और गड़बड़ी तैयार हो जाते हैं। गलीज की बहू बिलख पड़ती है। पंच से कहती है कि जिंदा रहते किसी को दे दीजिए लेकिन लड़के को मत काटिए। पंच कहता है जिसे लड़के का मोह नहीं, उसका लड़का कैसा? लड़के का मोह केवल मां को है, इसलिए लड़का मां के साथ जाएगा और अंततः एक मां की ममता और उसका संघर्ष जीतता है। गबरघिचोर मां के साथ चला जाता है। गलीज और गड़बड़ी का चेहरा शर्म से झुक जाता है। गलीज की भूमिका में रितिक, गड़बड़ी की भूमिका में दूधनाथ यादव, पंच की भूमिका में राहुल चौरसिया और गबरघिचोर की भूमिका में प्रीतम ने शानदार अभिनय किया। गलीज की बहू की भूमिका में ट्विंकल गुप्ता बेजोड़ रहीं। उन्होंने अपने दमदार अभिनय से दर्शकों को भावुक कर दिया। खुशी, रिया वर्मा, भाग्यलक्ष्मी, खुशी कुमारी, आकाश, आदित्य, ब्रजेश और शिवम् की भूमिका भी सराहनीय रही। नाटक में संगीत दिया आनन्द कुमार चौहान और शैलेन्द्र कुमार शर्मा ने। नाल वादन सुभाष ने किया। मेकअप नाटक की सह निर्देशक ट्विंकल गुप्ता ने किया। वस्त्र विन्यास स्मिता पाण्डेय और मंच व्यवस्था अरविंद कुमार गुप्ता ने की। नाटक की प्रस्तुति से पहले कृष्ण कुमार यादव मिट्ठू व शैलेन्द्र शर्मा ने गीत के माध्यम से और राहुल रावत ने एकल तबला वादन के माध्यम से अपनी श्रद्धांजलि अर्पित की। एक्सप्रेशन कल्चरल सोसायटी द्वारा लोक नृत्य की प्रस्तुति की गई। कार्यक्रम में भिखारी ठाकुर के साथ जनवादी शायर अदम गोंडवी, भोजपुरी की स्वर कोकिला शारदा सिन्हा और विश्व विख्यात तबला वादक ज़ाकिर हुसैन को श्रद्धांजलि अर्पित की गई। इस अवसर पर डाॅ. अखिलेश सिन्हा, अरुण सिंह गामा, डाॅ. मंजीत सिंह, प्रदीप यादव, वन्दना गुप्ता, भवतोष पाण्डेय, रंजन तिवारी, सूरज तिवारी, कौशल कुमार उपाध्याय, मुकेश चंचल, अशोक व समीर पाण्डेय आदि उपस्थित रहे। मंच परिकल्पना और निर्देशन वरिष्ठ रंगकर्मी आशीष त्रिवेदी का रहा।
हिन्दुस्थान समाचार / नीतू तिवारी