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नई दिल्ली, 18 दिसंबर (हि.स.)। गृहमंत्री अमित शाह ने बुधवार को कांग्रेस के आरोपों पर पलटवार करते हुए कहा कि उनकी बातों और तथ्यों को तोड़ मरोड़ कर जनता के सामने पेश किया जा रहा है, यह निंदनीय है। उन्होंने कहा कि कल से कांग्रेस ने फिर एक बार अपनी पुरानी पद्धति को अपनाकर, बातों को तोड़-मरोड़कर और सत्य को असत्य के कपड़े पहनाकर समाज में भ्रांति फैलाने का एक कुत्सित प्रयास किया है। संसद में चर्चा के दौरान ये सिद्ध हो गया कि बाबा साहेब आंबेडकर का कांग्रेस ने किस तरह से पुरजोर विरोध किया था। बाबा साहेब के न रहने के बाद भी किस प्रकार से कांग्रेस ने उन्हें हाशिये पर धकेलने का प्रयास किया।
राज्यसभा में संविधान के 75 साल की गौरवशाली यात्रा पर चर्चा के दौरान गृह मंत्री अमित शाह के बयान को लेकर विपक्ष हमलावर है। इसके जवाब में अमित शाह ने भाजपा मुख्यालय में प्रेसवार्ता कर सिलसिलेवार तरीके से सारे तथ्य मीडिया के सामने रखे। उन्होंने कहा कि संसदीय चर्चा के दौरान यह बात सामने आई कि कांग्रेस डॉ. बी.आर. आंबेडकर के खिलाफ थी। उनके निधन के बाद कांग्रेस ने उन्हें हाशिए पर धकेलने की कोशिश की। जब संविधान समिति ने अपना काम पूरा कर लिया और 1951-52 और 1955 में चुनाव हुए तो कांग्रेस ने उन्हें चुनाव में हराने के लिए कई कदम उठाए। जहां तक भारत रत्न देने का सवाल है, कांग्रेस के नेताओं ने कई बार खुद ही अपने आप को भारत रत्न दिए हैं। 1955 में नेहरू ने खुद को भारत रत्न दे दिया, 1971 में इंदिरा गांधी ने खुद को भारत रत्न दे दिया। इसके विपरीत बाबा साहेब को भारत रत्न 1990 में तब मिला जब कांग्रेस सत्ता में नहीं थी और भाजपा के समर्थन वाली सरकार थी। 1990 तक कांग्रेस बाबा साहेब को भारत रत्न न मिले, इसके लिए प्रयास करती रही। यहां तक कि बाबा साहेब की 100वीं जयंती को मनाने की मनाही कर दी गई।
अमित शाह ने कहा कि जवाहरलाल नेहरू की आंबेडकर के प्रति नफरत जगजाहिर है। इसका प्रमाण नेहरू की किताब में है। बाबा साहेब के स्मारक बनाने की बात जब आई तो उन्होंने इसे निजी पहल से बनवाने की बात कही। लेकिन नेहरू, इंदिरा, राजीव गांधी के अपने लाखों स्मारक बनाने वाले मुखिया कहते हैं कि बीआर आंबेडकर का स्मारक बनाने के लिए निजी पहल की दरकार है। इसके साथ देश की पहली कैबिनेट में नेहरू ने बीआर आंबेडकर को कोई महत्वपूर्ण विभाग नहीं दिया, क्योंकि वे अनुच्छेद 370 के खिलाफ थे। भाजपा की सरकार औऱ मोदी की सरकार ने बाबा साहेब के प्रति अपना सम्मान व्यक्त करने के लिए पंच तीर्थ स्थापित किए। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 19 नंवबर 2015 को 26 नवंबर को संविधान दिवस घोषित किया।
अमित शाह ने कहा कि कांग्रेस का काम ही हो हल्ला मचाना, भ्रांतियां खड़ी करना और चुनावों के दौरान एआई के इस्तेमाल कर दुष्प्रचार करना।
इससे तय हो गया कि कांग्रेस आंबेडकर की विरोधी पार्टी है, कांग्रेस आरक्षण विरोधी और संविधान विरोधी पार्टी है। कांग्रेस ने सावरकर का भी अपमान किया, कांग्रेस ने आपातकाल लगाकर संविधान के सारे मूल्यों की धज्जियां उड़ा दी, नारी सम्मान को भी वर्षों तक दरकिनार किया, न्यायपालिका का हमेशा अपमान किया, सेना के शहीदों का अपमान किया और भारत की जमीन तक को संविधान तोड़कर दूसरे देशों को देने की हिमाकत कांग्रेस के शासन में हुई। उन्होंने कहा कि भाजपा कभी बाबा साहेब का अपमान नहीं कर सकती। हमेशा उनके सिद्धांतों पर चलती है, उनके विचारों को प्रचारित करती है। भाजपा ने आरक्षण को और मजबूत करने का काम किया है।
अमित शाह ने कहा कि कांग्रेस ने चिरपरिचित अंदाज में भ्रांति फैलाने का काम किया है। उन्होंने कहा कि वे उस पार्टी से आते हैं, जो बाबा साहेब के विचारों का अपमान नहीं कर सकते। देश के आदिवासी को वंचितों को न्याय दिलाने के लिए बाबा साहेब का बहुत बड़ा योगदान है। पूरा देश उनके प्रति कृतज्ञता व्यक्त करता है।
इस्तीफे की मांग के सवाल पर अमित शाह ने कहा कि अगर मेरे इस्तीफे से उनको आनंद होता है तो मैं कर सकता हूं लेकिन इससे उनकी दाल नहीं गलने वाली। कांग्रेस को आत्मनिरीक्षण करने की आवश्यकता है।
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हिन्दुस्थान समाचार / विजयालक्ष्मी