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मुंबई, 17 दिसंबर (हि.स.)। राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) अजीत पवार गुट में पूर्व मंत्री और वरिष्ठ नेता छगन भुजबल ने पार्टी में निर्णय प्रक्रिया को लेकर नाराजगी दिखाते हुए मंगलवार को पार्टी छोड़ने का संकेत दिया है। छगन भुजबल ने कहा कि मंत्री पद न मिलने से वे नाराज नहीं हैं, बल्कि पार्टी में उनके साथ जो अपमानजनक व्यवहार किया जा रहा है, उससे वे दुखी हैं। भुजबल ने कहा कि बुधवार को वे अंतिम निर्णय लेंगे।
नासिक में आज कार्यकर्ताओं की बैठक के बाद छगन भुजबल ने बताया कि पार्टी में सिर्फ तीन लोगों का एकाधिकार है, जिसमें राकांपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अजीत पवार, कार्याध्यक्ष प्रफुल्ल पटेल और प्रदेश अध्यक्ष सुनील तटकरे कोई भी निर्णय लेते हैं। इस निर्णय प्रक्रिया में किसी भी नेता को शामिल नहीं किया जाता है। निर्णय लेने के बाद उस निर्णय को लागू करने के लिए कहा जाता है। छगन भुजबल ने कहा कि उन्हें पहले राज्यसभा में जाने के लिए कहा गया, लेकिन बाद में लोकसभा चुनाव लड़ने के लिए कहा गया था। अब फिर उन्हें राज्यसभा में जाने के लिए कहा जा रहा है। भुजबल ने कहा कि क्या वे खिलौना हैं, जो उनके साथ इस तरह खेला जा रहा है। छगन भुजबल ने कार्यकर्ताओं से शांत रहने की अपील की है।
छगन भुजबल के इस बयान के बाद शिवसेना (यूबीटी) के अध्यक्ष उद्धव ठाकरे ने कहा कि भुजबल के साथ हो रहा व्यवहार गलत है। भुजबल के जैसे बहुत से लोग नाराज हैं, लेकिन उनसे किसी ने संपर्क नहीं किया है। उद्धव ठाकरे ने कहा कि छगन भुजबल वैसे तो उनके संपर्क में रहते हैं, लेकिन फिलहाल इस समय उनसे संपर्क नहीं हुआ है।
भाजपा विधायक आशीष देशमुख ने कहा कि भुजबल को पार्टी में महत्वपूर्ण जिम्मेदारी दी जा सकती है। भुजबल को संयम से काम करना चाहिए। कांग्रेस नेता विजय बडेट्टीवार ने कहा कि छगन भुजबल का चुनाव के समय उपयोग करने के बाद अब उन्हें फेंक दिया गया है। यह किसी भी तरह उचित नहीं है।----------------------------------------------------
हिन्दुस्थान समाचार / राजबहादुर यादव