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जम्मू, 17 दिसंबर (हि.स.)। अरनिया अस्पताल में सुविधाओं की कमी को लेकर शिवसेना हिंदुस्तान के सदस्यों द्वारा जम्मू-कश्मीर अध्यक्ष पंडित राजेश केसरी की मौजूदगी में मरहोल गांव में एक महत्वपूर्ण बैठक आयोजित की गई। बैठक में यह बात सामने आई कि अरनिया ब्लॉक में करीब 100 गांव हैं और अरनिया ब्लॉक के एकमात्र अस्पताल में इन गांवों के मरीजों के लिए सुविधाओं का अभाव है जबकि अस्पताल में केवल चार मरीज कक्ष हैं। चुनौतियों पर प्रकाश डालते हुए केसरी ने कहा कि इस अस्पताल में विशेष विभागों और उपकरणों की कमी है जिससे मरीजों को समय पर और उचित देखभाल मिलना मुश्किल हो जाता है। पुरानी इमारतें, अपर्याप्त प्रकाश व्यवस्था और अपर्याप्त स्वच्छता सुविधाओं जैसे पुराने या अपर्याप्त बुनियादी ढांचे से मरीजों की देखभाल और सुरक्षा को खतरा हो सकता है।
अस्पताल चिकित्सा पेशेवरों को आकर्षित करने और उन्हें बनाए रखने के लिए संघर्ष करता है जिससे स्टाफ की कमी होती है और शेष कर्मचारियों पर काम का बोझ बढ़ता है और साथ ही एमआरआई या सीटी स्कैनर जैसे उन्नत नैदानिक उपकरणों की भी कमी है जिससे मरीजों का सटीक निदान और उपचार करना मुश्किल हो जाता है। इसके अलावा एम्बुलेंस सेवाओं, आपातकालीन कक्षों और ट्रॉमा केयर जैसी आपातकालीन सेवाएं भी नहीं हैं। संभावित समाधान सुझाते हुए केसरी ने कहा कि सरकार बुनियादी ढांचे को उन्नत करने, नए उपकरण खरीदने और चिकित्सा कर्मचारियों की भर्ती के लिए धन और सहायता प्रदान कर सकती है। उपलब्ध सेवाओं के बारे में समुदाय को शिक्षित करना और स्वस्थ जीवन शैली को बढ़ावा देना ग्रामीण अस्पतालों पर बोझ को कम करने में मदद कर सकता है। मोबाइल स्वास्थ्य क्लीनिक स्थापित करने से दूरदराज के क्षेत्रों में टीकाकरण, स्वास्थ्य जांच और बुनियादी चिकित्सा देखभाल सहित आवश्यक सेवाएं प्रदान की जा सकती हैं।
केसरी ने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में स्वास्थ्य पेशेवरों को प्रशिक्षित करने और बनाए रखने के लिए कार्यक्रमों को लागू करने से स्टाफ की कमी को दूर करने में मदद मिल सकती है। अरनिया ब्लॉक के मुख्य अस्पताल में सुविधाओं की कमी को दूर करने के लिए ये कुछ संभावित समाधान हैं।
हिन्दुस्थान समाचार / राहुल शर्मा