आदेश के बाद भी अस्पताल के लाइसेंस का नवीनीकरण न करने पर सीएमओ पर एक लाख का जुर्माना 
प्रयागराज, 17 दिसम्बर (हि.स.)। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने आदेश के बाद भी अस्पताल के लाइसेंस का नवीनीकरण नहीं करने पर सीएमओ सहारनपुर पर एक लाख रुपये का जुर्माना लगाया। न्यायालय ने कहा कि सीएमओ की कार्रवाई में कानूनी दुर्भावना की बू आ रही है। यह आदेश न्याय
इलाहाबाद हाईकाेर्ट्


प्रयागराज, 17 दिसम्बर (हि.स.)। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने आदेश के बाद भी अस्पताल के लाइसेंस का नवीनीकरण नहीं करने पर सीएमओ सहारनपुर पर एक लाख रुपये का जुर्माना लगाया। न्यायालय ने कहा कि सीएमओ की कार्रवाई में कानूनी दुर्भावना की बू आ रही है।

यह आदेश न्यायमूर्ति सौमित्र दयाल सिंह और न्यायमूर्ति डोनादी रमेश की खंडपीठ ने अनाया हेल्थ सेंटर सहारनपुर व अन्य की दाखिल याचिका पर दिया। डॉ. अंशुल गुप्ता ने बाजोरिया रोड, सहारनपुर में किराए का भवन लेकर अनन्या हेल्थ सेंटर अस्पताल खोला था। किरायानामा 01 अप्रैल 2023 से 29 फरवरी 2024 तक के लिए वैध था। वहीं, अस्पताल का पंजीकरण 30 अप्रैल 2024 तक एक वर्ष के लिए वैध था। किराया-विलेख की समाप्ति के बाद भी उक्त परिसर पर कब्जा जारी रखा गया। वहीं, मकान मालिक ने किरायानामा का नवीनीकरण नहीं किया और परिसर खाली करने के लिए कहा। मकान मालिक उषा गुप्ता ने बेदखली आवेदन दायर किया है। वहीं अंशुल गुप्ता सिविल जज (सीनियर डिवीजन) में वाद दाखिल कर स्टे की मांग की।

न्यायालय ने 23 फरवरी 2024 के आदेश से अस्थायी निषेधाज्ञा आदेश जारी कर दिया। इस दौरान याची ने सीएमओ कार्यालय में अस्पताल के नवीनीकरण के लिए आवेदन किया। मकान मालिक ने इसके खिलाफ मंडलायुक्त के यहां प्रार्थना पत्र दिया। मंडलायुक्त के निर्देश पर सीएमओ ने 22 जून 2024 के आदेश को लाइसेंस नवीनीकरण के आवेदन को खारिज कर दिया। कहा कि ’विवादित परिसर’ के सम्बंध में किराया-विलेख की प्रति दाखिल नहीं की है। इसे हाईकोर्ट में चुनौती दी गई।

न्यायालय ने कहा कि सिविल कोर्ट ने अस्थायी निषेधाज्ञा आदेश जारी किया है। इसके बाद भी नवीनीकरण आवेदन को अस्वीकार कर दिया गया। सीएमओ के जानबूझ कर कानून का उल्लंघन करने पर याची को अनावश्यक रूप से दो बार इस न्यायालय में आना पड़ा। न्यायालय ने याचिका स्वीकार करते हुए मुख्य चिकित्सा अधिकारी, सहारनपुर को निर्देश दिया कि वह अस्पताल के पंजीकरण को तुरंत नवीनीकृत करें। यह आदेश सिविल जज (सीनियर डिवीजन), बेदखली आवेदन के फैसले के अधीन है।

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हिन्दुस्थान समाचार / रामानंद पांडे