सूफिया-ए-कराम की शिक्षा से मिलता है सत्य का प्रकाश : शाह हसन
पीर दमड़िया शाह का 423वां उर्स-ए-पाक
कार्यक्रम में शामिल सैयद हसन और अन्य


भागलपुर, 14 दिसंबर (हि.स.)। देश के प्रसिद्ध सूफी मखदूम सैयद शाह शर्फ उद्दीन अली मोहम्मद पीर दमड़िया शाह रहमतुल्लाह अलैह का शनिवार को 423वां उर्स-ए-पाक मनाया गया। पीर दमड़िया शाह से अकीदत और मोहब्बत रखने वाले सैकड़ों की संख्या में हिन्दू-मुस्लिम समुदाय के लोगों ने शिरकत की। इस मौके पर खानकाह-ए-पीर दमड़िया शाह के 15वें सज्जादानशीं सैयद शाह फखरे आलम हसन ने कहा कि हजरत पीर दमड़िया शाह रहमतुल्लाह अलैह को इस दुनिया से जाने से सवा चार सौ साल हो चुका हैं लेकिन आज भी लोगों के दिलों में उनकी मोहब्बत जिंदा है। यह इस बात का प्रमाण है कि जो भी खालिक-ए-कायनात खुदा के बताए रास्तों पर चलकर उस मालिक की इबादत में लगा रहता है और सुन्नते नब्बींह की रौशनी में जिंदगी गुजारता है तथा इंसानियत की खिदमत का काम अंजाम देता है, खुदा ऐसे बंदों को दुनिया में भी अमर कर देता है और जन्नत में आला मुकाम अता फरमाता है।

सज्जादानशीं शाह हसन ने कहा कि आज भी खुदा का निजाम यही है कि जो इंसान भी सूफियों द्वारा दी गई इस शिक्षा पर अमल करेगा उसे भी खुदा इज्जत का अजीम मुकाम से नवाजेगा। शाह हसन ने अपने संदेश में कहा कि लोगों को औलिया-ए-कराम के जीवन से शिक्षा लेनी चाहिए और उनके द्वारा बताए मार्ग पर चलने की आवश्यकता है। उर्स-ए-पाक के अवसर पर मदरसा पीर दमड़िया शाह के पांच छात्रों की सज्जादानशीं शाह हसन द्वारा दस्तारबंदी की गई और उन्हें प्रमाण पत्र भी प्रदान की गई। इस मौके पर साद हुसैनी, हाफिज अबू कैस, धीरन शाह, मोहम्मद अहमद, सैयद हममाद, नदीम हसन मनाजिर शाह सहित खानकाह-ए-पीर दमड़िया शाह के मुरीदिन और मदरसा के छात्र उपस्थित थे।

हिन्दुस्थान समाचार / बिजय शंकर