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काठमांडू, 13 दिसंबर (हि.स.)। दुनिया की सबसे ऊंची चोटी माउंट एवरेस्ट के आसपास हेलीकॉप्टर और विमानों के उड़ान पर प्रतिबंध लगाए जाने के फैसले पर सरकार के ही दो विभाग आमने-सामने आ गए हैं। सागरमाथा राष्ट्रीय निकुंज नेपाल सरकार के वन मंत्रालय के अंतर्गत आता है, लेकिन सरकार के इस आदेश को मानने से नागरिक उड्डयन प्राधिकरण ने साफ इंकार कर दिया है।
सागरमाथा राष्ट्रीय निकुंज ने गुरुवार को एक अधिसूचना जारी करते हुए 1 जनवरी से पूरे माउंट एवरेस्ट क्षेत्र में किसी भी प्रकार के हेलीकॉप्टर और विमानों के उड़ान पर प्रतिबंध लगा दिया है। अधिसूचना में कहा गया है कि हेलीकॉप्टर और विमानों की आवाज से आसपास के वातावरण के साथ ही इस राष्ट्रीय निकुंज के क्षेत्र में रहे जंगलों में रहने वाले जानवरों पर भी इसका असर पड़ता है। अब सागरमाथा राष्ट्रीय निकुंज के इस फैसले को लागू करने में शुक्रवार को नागरिक उड्डयन प्राधिकरण ने अपनी असमर्थता जताई है। प्राधिकरण ने अपने बयान में कहा है कि वह अपने क्षेत्र और बफर जोन के भीतर वाणिज्यिक हेलीकॉप्टर और विमान के संचालन पर प्रतिबंध लगाने के सागरमाथा राष्ट्रीय उद्यान के फैसले का पालन नहीं करेगा।
प्राधिकरण के प्रवक्ता ज्ञानेंद्र भुल ने कहा कि राष्ट्रीय उद्यान और वन्यजीव संरक्षण अधिनियम, 2029, हिमालयी राष्ट्रीय उद्यान विनियम, 2036, राष्ट्रीय उद्यानों और इसके बफर जोन के क्षेत्र में वाणिज्यिक उड़ानों पर प्रतिबंध लगाने के लिए कोई प्रावधान निर्धारित नहीं करता है। भुल ने जोर देकर कहा है कि प्राधिकरण हेलीकॉप्टर उड़ानों पर प्रतिबंध लगाने के सागरमाथा राष्ट्रीय उद्यान के फैसले का पालन करने के लिए बाध्य नहीं है। उनका मानना है कि निकुंज का यह फैसला अवैध, आधारहीन और अप्रासंगिक है।
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हिन्दुस्थान समाचार / पंकज दास