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गुवाहाटी, 13 दिसंबर (हि.स.)। असम पुलिस की अपराध अनुसंधान शाखा की एक टीम ने एक विश्वसनीय स्रोत से प्राप्त इनपुट पर कार्रवाई करते हुए कि मोबाइल नंबर “9678700229” का उपयोग करने वाले एक व्यक्ति, जो खुद को असम के मुख्यमंत्री का ओएसडी के पीए के रूप में पहचान बताकर गलत लाभ के लिए सरकारी अधिकारियों को प्रभावित करने की कोशिश कर रहा था, गिरफ्तार कर लिया है।
गिरफ्तार आरोपित की पहचान रूपम दास (40) नगांव के रूप में की गई है। आरोपित रूपम दास संयुक्त ग्रामीण विकास विभाग के आयुक्त ध्रुबज्योति नाथ द्वारा इस्तेमाल किए जाने वाले किराए के सरकारी वाहन (एस-01ईएल-2250) का चालक है।
वाहन को आरए ट्रैवल्स एजेंसी, अनुराधा सिनेमा हॉल के पास से किराए पर लिया गया था। 07 दिसंबर को जब वह अधिकारी को घर से गुवाहाटी वापस लाने के लिए देरगांव जा रहा था, रूपम दास ने अपने सिम नंबर 9678700229 से, जो असम सरकार के ओएसडी के रूप में ट्रूकालर पर प्रदर्शित होता है, एसडीओ सिविल, कलियाबर लिजा तालुकदार (सांगवान) को कॉल किया और उन्हें कहा कि वह मुख्यमंत्री के ओएसडी हेमंत चौधरी का निजी सहायक है। उन्हें दो वाहनों के लिए 30-30 लीटर ईंधन की आवश्यकता थी, जिनका रजिस्ट्रेशन नंबर (एएस-01-ईएल-2250) और (एएस-01एफवी-6884) है। वह मुख्यमंत्री की पत्नी रिनिकी भुइयां के काफिले में शामिल है। एसडीओ, सिविल अपने कार्यालय में मौजूद नहीं थीं इसलिए उन्हें ईंधन की पर्ची के बिना आना पड़ा। एसडीओ, सिविल, कलियाबर से फोन पर संपर्क किया गया।
एसडीओ ने बताया कि उन्होंने इसकी पुष्टि के लिए मुख्यमंत्री कार्यालय के साथ अन्य कार्यालयों से भी पूछा कि क्या कोई वाहन ईंधन भरने के लिए भेजा गया था। और, यह झूठा निकला।
रूपम के कॉल डिटेल्स ने भी उसके और एसडीओ, सिविल, कलियाबर के बीच बातचीत को साबित कर दिया। जांच के दौरान पता चला है कि रजिस्ट्रेशन नंबर (एएस-01एफभी-6884) वाला वाहन उस दिन यानी 07 दिसंबर को कलियाबोर में आया ही नहीं था। यह भी पता चला है कि आरोपित वरिष्ठ सरकारी अधिकारियों के नाम पर अलग-अलग पेट्रोल पंप मालिकों को फोन करता था और अलग-अलग वाहनों में ईंधन भरने के लिए कहता था और उन्हें धोखा देता था।
मामले की जांच जारी है। पेट्रोल पंप के अधिकारियों और मालिकों को मोबाइल फोन का उपयोग करके कॉल करता है, फोन में ट्रूकॉलर को ओएसडी कार्यालय के पदनाम के साथ सेट किया गया है। वाहनों में ईंधन भरने के लिए कहा जाता है, यह कहते हुए कि वाहन मंत्रियों या अन्य वरिष्ठ गणमान्य व्यक्तियों के काफिले का हिस्सा है। वह अधिकारी या पंप मालिक से बिल मुख्यमंत्री, असम के कार्यालय को भेजने के लिए भी कहता है। उसके द्वारा प्राप्त ईंधन उसके वाहन में भरा जाता है या गलत लाभ के लिए बेच दिया जाता है, इसकी जांच शुरू की गई है। क्राइम ब्रांच थाने में दर्ज केस नंबर 16/2024 धारा 318(4)/319(2)/316(2) बीएनएस, 2023 के तहत मामले की जांच की जा रही है।
हिन्दुस्थान समाचार / असरार अंसारी