Enter your Email Address to subscribe to our newsletters
-बीएचयू में काशी की समृद्ध विरासत पर अपना दृष्टिकोण प्रस्तुत करेंगे
वाराणसी, 07 नवम्बर (हि.स.)। काशी हिन्दू विश्वविद्यालय (बीएचयू) के वैदिक विज्ञान केन्द्र में विभिन्न क्षेत्रों के प्रमुख विद्वान, इतिहासकार, सांस्कृतिक विशेषज्ञ, पर्यावरणविद जुटेंगे। विश्वविद्यालय के इतिहास विभाग के तत्वावधान में आयोजित “काशी वैभव: एक ऐतिहासिक विमर्श” विषयक तीन दिवसीय अंतर्राष्ट्रीय संगोष्ठी में काशी की समृद्ध विरासत पर विशेषज्ञ अपना अपना दृष्टिकोण प्रस्तुत करेंगे। शुक्रवार को पूर्वाह्न 10 बजे इस संगोष्ठी का उद्घाटन होगा।
इतिहास विभाग के अध्यक्ष प्रोफेसर घनश्याम के अनुसार इस संगोष्ठी में संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर बिहारी लाल शर्मा, इंडो-श्रीलंका इंटरनेशनल बुद्धिस्ट एसोसिएशन सारनाथ के अध्यक्ष डॉ. के. सिरी सुमेध थेरो, नीदरलैंड के प्रोफेसर मोहन कांत गौतम, कनाडा के शिक्षाविद व लेखक हेमराज रामदत्त, अमेरिका के एंथोनी ए. मनबोधे, प्रोफेसर मारुति नंदन तिवारी, प्रोफेसर राना पी.बी. सिंह एवं प्रोफेसर विजयलक्ष्मी सिंह जैसे शिक्षाविद् व चिंतक भाग लेंगे।
उन्होंने बताया कि इस संगोष्ठी में काशी के सांस्कृतिक, सामाजिक, आर्थिक और आध्यात्मिक पहलुओं पर गहन चर्चा होगी। साथ ही काशी के मेले-त्योहार, लोक कलाएं, विभिन्न समुदायों की भूमिका, काशी की अर्थव्यवस्था, चिकित्सा पर्यटन, पर्यावरण, गंगा नदी के संरक्षण, कला एवं संगीत घराने, अंतर्राष्ट्रीय नजरिये से काशी की छवि, साहित्य और काशी के आधुनिकीकरण जैसे विषयों पर मंथन किया जाएगा। संगोष्ठी का उद्देश्य काशी की धरोहर को सहेजते हुए आधुनिकता के साथ उसके समृद्ध वैभव को बनाए रखने के मार्ग प्रशस्त करना है।
प्रोफेसर घनश्याम ने बताया कि संगोष्ठी की सारी तैयारियां कर ली गई हैं। इस अंतर्राष्ट्रीय संगोष्ठी में एक दर्जन से भी अधिक विश्वविद्यालयों से 100 से भी अधिक शोधपत्र प्रस्तुत किए जाने की संभावना है। काशी से जुड़े विविध विषयों पर शोधकर्ताओं के नवीनतम शोध, दृष्टिकोण और निष्कर्ष को साझा किया जाएगा।
---------------
हिन्दुस्थान समाचार / श्रीधर त्रिपाठी