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पटना, 07 नवम्बर (हि.स.)। 'बिहार कोकिला' के नाम से विख्यात और प्रसिद्ध लोक गायिका शारदा सिन्हा आज यहां पंचतत्व में विलीन हो गईं। 72 वर्षीय शारदा सिन्हा का मंगलवार रात नई दिल्ली के भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) में निधन हो गया था।
नई दिल्ली से शारदा सिन्हा का पार्थिव शरीर बुधवार को राजेंद्र नगर स्थित उनके आवास पर लाया गया। आज सुबह बिहार की राजधानी के गुलाबी घाट में उनका राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया गया। उनके पुत्र अंशुमान ने मुखाग्नि दी। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने परिवार के सदस्यों से मिलकर उन्हें ढांढस बंधाया।
श्रद्धासुमन अर्पित करने पहुंचे पूर्व केंद्रीय राज्यमंत्री अश्विनी कुमार चौबे ने कहा कि शारदा सिन्हा से लंबे समय से मधुर संबंध रहा। भाजपा नेता राम कृपाल यादव ने कहा कि शारदा सिन्हा देश का गौरव थीं। आज उनके ना रहने से संगीत जगत में खालीपन हो गया है।
शारदा सिन्हा के निधन पर देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से लेकर बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव, नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव , उप मुख्यमंत्री विजय कुमार सिन्हा , सम्राट चौधरी समेत और उनकी ससुराल बेगूसराय के सिंहमा के लोगों ने शोक जताया है। सिंहमा गांव के करीब 100 घरों में उनके निधन की वजह से छठ का त्योहार नहीं मनाया जा रहा। लोकगायिका शारदा सिन्हा को श्रद्धांजलि देने भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा आज दोपहर पटना पहुंचेंगे। हवाई अड्डे से वे सीधे राजकीय अतिथिशाला जाएंगे। वहां से उनके मुख्यमंत्री आवास जाने का कार्यक्रम है। कुछ देर के लिए वो विधान पार्षद अनिल शर्मा के घर छठ अनुष्ठान में सहभागी होंगे। उसके बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के साथ राजधानी में गंगा किनारे छठ घाटों का भ्रमण करेंगे। शाम को वो राजेंद्र नगर में शारदा सिन्हा के आवास जाएंगे और उन्हें अपनी श्रद्धांजलि अर्पित करेंगे। उसके बाद दिल्ली के लिए प्रस्थान करेंगे।
हिन्दुस्थान समाचार / गोविंद चौधरी