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इन्दौर, 25 नवंबर (हि.स.)। मनी लॉन्ड्रिंग और आतंकवाद के वित्तपोषण से निपटने के लिए यूरेशियन समूह (ईएजी) की 41वीं प्लेनरी बैठक और कार्यकारी समूह की बैठक 25 से 29 नवम्बर तक इंदौर में आयोजित हो रही है। बैठक का सोमवार को शुभारंभ हुआ। स्वागत सत्र में मध्य प्रदेश शासन के नगरीय विकास मंत्री कैलाश विजयवर्गीय, इंदौर सांसद शंकर लालवानी, इंदौर महापौर पुष्यमित्र भार्गव और ईएजी के अध्यक्ष और रोसफिनमॉनीटरिंग के निदेशक यूरी चिकाचेन ने भाग लिया। इस बैठक में यूरेशियन क्षेत्र के विभिन्न देशों और पर्यवेक्षक देशों जैसे अमेरिका, जापान, यूएई, आर्मेनिया आदि के 150 से अधिक प्रतिनिधि, कार्यकारी समूह विचार-विमर्श हेतु भाग ले रहे हैं। भारत सरकार के अतिरिक्त सचिव और भारतीय प्रतिनिधिमंडल के प्रमुख विवेक अग्रवाल ने प्रतिनिधियों का स्वागत किया और राज्य और जिला प्रशासन के गणमान्य व्यक्तियों का प्रतिनिधियों से परिचय कराया।
उद्घाटन सत्र में अपने भाषण में मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने मनी लॉन्ड्रिंग और आतंकवादी वित्तपोषण के खिलाफ लड़ाई में भारत द्वारा की गई प्रगति पर प्रसन्नता व्यक्त की और इस सफलता का श्रेय भारत के प्रधान मंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व को दिया। सांसद लालवानी और महापौर भार्गव ने इंदौर शहर में प्रतिनिधियों का स्वागत किया और उन्हें शहर की ऐतिहासिक और समृद्ध सांस्कृतिक विरासत का अनुभव करने के लिए आमंत्रित किया।
इसके बाद भारत के धन शोधन और आतंकवादी वित्तपोषण विरोधी उपायों के पारस्परिक मूल्यांकन की रिपोर्ट को ईएजी के कार्य समूह में पेश किया गया और उस पर चर्चा की गई। भारत का पारस्परिक मूल्यांकन वित्तीय कार्रवाई कार्य बल (एफएटीएफ), एशिया प्रशांत धन शोधन समूह (एपीजी) और ईएजी के सदस्य देशों द्वारा संयुक्त रूप से किया गया था। इस रिपोर्ट को पहले जून 2024 में सिंगापुर में आयोजित एफएटीएफ प्लेनरी के दौरान और सितंबर 2024 में अबू धाबी में आयोजित एपीजी प्लेनरी के दौरान अपनाया गया था। ईएजी इस सप्ताह इंदौर में आयोजित अपने प्लेनरी में पारस्परिक मूल्यांकन रिपोर्ट को अपनाएगा। सभी सदस्य देशों ने रिपोर्ट का समर्थन किया और धन शोधन और आतंकवादी वित्तपोषण से निपटने में भारत के प्रयासों की सराहना की।
मूल्यांकन के बाद भारत को नियमित अनुवर्ती में रखा गया है, जो एफएटीएफ (FATF) द्वारा उच्चतम रेटिंग श्रेणी है। यूके, फ्रांस और इटली उन जी-20 देशों में से हैं जिन्हें भारत के अलावा इस श्रेणी में रखा गया है। रिपोर्ट में इस बात पर प्रकाश डाला गया है कि भारत ने वित्तीय समावेशन में महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं। बैंक खातों वाली आबादी के अनुपात को दोगुना से अधिक किया है, जिससे डिजिटल भुगतान प्रणालियों पर अधिक निर्भरता को बढ़ावा मिला है। इन प्रयासों ने वित्तीय पारदर्शिता का समर्थन किया है, जो बदले में एएमएल/सीएफटी प्रयासों में योगदान देता है। देशों ने इस प्रक्रिया में सर्वोच्च रेटिंग प्राप्त करने पर भारत को बधाई दी। भारत ने क्षेत्र में एमएल/टीएफ जोखिमों के खिलाफ क्षेत्र की क्षमताओं को मजबूत करने के लिए प्रभावी एएमएल/सीएफटी प्रणालियों को लागू करने पर अपने अनुभव साझा करने पर सहमति व्यक्त की।
सत्र में विभिन्न कार्य समूहों के अन्य एजेंडा मदों पर भी चर्चा की गई। जिनमें अन्य यूरेशियाई देशों की अनुवर्ती रिपोर्ट, मनी लॉन्ड्रिंग (एमएल) और आतंकवादी वित्तपोषण (टीएफ) से संबंधित टाइपोलॉजी, यूरेशियाई क्षेत्र में एमएल/टीएफ जोखिमों को कम करने की योजना आदि शामिल हैं। 41वीं ईएजी प्लेनरी बैठक इंदौर में 29 नवंबर 2024 तक जारी रहेगी।
यूरेशिया ग्रुप ईएजी के प्रतिनिधियों ने इंदौर के यूरेशिया गार्डन में किया पौधारोपण
वित्त मंत्रालय भारत सरकार के अधीन 41वीं ईएजी प्लेनरी बैठक में शामिल होने आये ईएजी के प्रेसिडेंट, भारत सरकार के अपर सचिव विवेक अग्रवाल, महापौर पुष्यमित्र भार्गव सहित 24 से अधिक देशों के डेलिगेट्स द्वारा ब्रिलिएंट कन्वेंशन सेंटर के पास यूरेशिया गार्डन में पौधारोपण किया गया। विभिन्न देशों के डेलिगेट्स एवं अन्य सदस्यों जिनमें बेलोरूस, चीन, कजाखस्तान, किर्गिज़स्तान, भारत, रूस, तजाकिस्तान, तुर्कमेनिस्तान, उज़्बेकिस्तान, आर्मीनिया, जर्मनी, इटली, मोलदोवा, मंगोलिया, पोलैंड, सर्बिया, संयुक्त राज्य अमेरिका, टर्की, फ्रांस, मोंटेनेग्रो, ईरान, कोरिया, जापान के प्रतिनिधियों द्वारा यूरेशिया गार्डन में रुद्राक्ष, शमी, अशोक, सरफेटाइन, बड, पारस पीपल, सिंदूर, बेलपत्र, मोलश्री (मोरसली ), पारिजात, नींबू, चीकू, जाम, काजू, मोसम्बी, रेडमरचेरा (सर्प वृक्ष ), स्टार फ्रूट, स्वर्ण चम्पा,फाइकस (ब्लेक) एवं अन्य प्रजातियों के पौधों का रोपण किया गया।
ईएजी के बारे में
ईएजी एक वित्तीय कार्रवाई कार्य बल (एफएटीएफ) शैली का क्षेत्रीय निकाय है जिसमें भारत, रूस और चीन सहित 9 सदस्य और 40 पर्यवेक्षक हैं जिनमें से 16 देश और 24 अंतरराष्ट्रीय संगठन हैं। भारत को दिसंबर 2010 में ईएजी में सदस्यता प्रदान की गई थी।
एफएटीएफ के बारे में
वित्तीय कार्रवाई कार्य बल (एफएटीएफ) एक अंतर-सरकारी संगठन है, जिसकी स्थापना 1989 में मनी लॉन्ड्रिंग, आतंकवादी वित्तपोषण और अंतर्राष्ट्रीय वित्तीय प्रणाली की अखंडता के लिए अन्य संबंधित खतरों से निपटने के लिए अंतरराष्ट्रीय निगरानी संस्था के रूप में की गई थी। भारत 2010 में एफएटीएफ का सदस्य बना।
हिन्दुस्थान समाचार / मुकेश तोमर