इंदौरः एडिशनल डीसीपी को डिजिटल अरेस्ट करने की कोशिश, वर्दी में देख डिस्कनेक्ट किया कॉल
इंदौर, 24 नवंबर (हि.स.)। इंदौर में पदस्थ एडिशनल डीसीपी को डिजिटल अरेस्ट करने की कोशिश का मामला सामने आया है। साइबर अपराधियों ने रविवार को ठगी करने की नीयत से उन्हें वीडियो कॉल किया। जब कॉल अटैंड हुआ तो मोबाइल स्क्रीन पर सामने वाले शख्स को देखकर बदमाश
एडिशनल डीसीपी को डिजिटल अरेस्ट करने की कोशिश


इंदौर, 24 नवंबर (हि.स.)। इंदौर में पदस्थ एडिशनल डीसीपी को डिजिटल अरेस्ट करने की कोशिश का मामला सामने आया है। साइबर अपराधियों ने रविवार को ठगी करने की नीयत से उन्हें वीडियो कॉल किया। जब कॉल अटैंड हुआ तो मोबाइल स्क्रीन पर सामने वाले शख्स को देखकर बदमाशों के होश उड़ गए। सामने खाकी वर्दी में एक पुलिस अधिकारी बैठा था, जिसके बाद कॉल फौरन डिस्कनेक्ट कर दिया।

इंदौर क्राइम ब्रांच के एडिशनल डीसीपी राजेश दंडोतिया रविवार दोपहर करीब दो बजे अपने दफ्तर में बैठे थे। तभी उन्हें एक कॉल आया। ये वॉइस कॉल था। कॉलर ने फोन पर कहा कि आपके क्रेडिट कार्ड से गलत तरीके से एक लाख 11 हजार 930 रुपये का ट्रांजैक्शन हुआ है। इसकी एफआईआर दर्ज की गई है। अधिकारी समझ गए थे कि ये फ्रॉड का कॉल है। वे उनसे बात करते रहे। थोड़ी देर बाद स्टेटमेंट लेने के लिए अफसर को वीडियो कॉल किया गया, जिसमें उन्हें वर्दी में देख कॉलर ने फोन डिस्कनेक्ट कर दिया।

एडिशनल डीसीपी दंडोतिया ने बताया कि मुझे एक ऑटोमैटेड कॉल आया। जिसमें बताया गया कि आपके क्रेडिट कार्ड का मिस यूज हुआ है। दो घंटे के अंदर आपका बैंक अकाउंट बंद हो जाएगा। मुझे लगा कि यह डिजिटल अरेस्ट का मामला है। मैं उनसे बात करता रहा। मैं उनसे पूछता रहा कि मुझे क्या करना होगा। उन्होंने बताया कि हम आपकी इतनी मदद कर सकते हैं कि आपको थाने में कनेक्ट करा देंगे। इसके बाद उन्होंने मुझे थाने में कनेक्ट करा दिया। वहां एक ठग ने पुलिस कर्मी बनकर बात की। बताया कि आपके आधार कार्ड का मिस यूज हुआ है। आपके खिलाफ अंधेरी वेस्ट में एफआईआर हुई है। आप मुंबई कब आए थे, मैंने जवाब दिया कि मैं तो 10 साल से मुबंई आया ही नहीं हूं।

फिर उन्होंने कहा कि दो घंटे में आपको थाने आना पड़ेगा। मैंने कहा कि मैं इंदौर में रहता हूं। दो घंटे में आना संभव नहीं है। उनका जवाब था कि हम आपकी हमारे अफसर से बात कराते हैं। वह अंदर गया, वहां जय हिंद कहा और बताया कि एक डिजिटल का मामला है। स्टेटमेंट ले सकते हैं क्या, परमिशन है। इसके बाद मुझे वर्दी में देखकर उन्होंने कहा कि आपके साथ कौन है, तो मैंने कहा कि मैं ही हूं। मैं एक पुलिस अफसर हूं। इसके बाद उन्होंने कॉल डिस्कनेक्ट कर दिया।

एडिशनल डीसीपी राजेश दंडोतिया ने बताया कि मैं उस वक्त मीडिया को रूटीन ब्रीफ करने जा रहा था। तभी यह कॉल आया। मैं समझ गया था कि डिजिटल अरेस्ट करने वाला फ्रॉड का है। सोचा इसे रिकॉर्ड कर लोगों को अवेयर किया जा सकता है।

हिन्दुस्थान समाचार / मुकेश तोमर