डंडिया की कलम ने सच को सच कहने की हिम्मत दी : राज्यपाल कटारिया
वरिष्ठ पत्रकार मिलापचंद डंडिया का अभिनंदन     
डंडिया की कलम ने सच को सच कहने की हिम्मत दी : राज्यपाल कटारिया


डंडिया की कलम ने सच को सच कहने की हिम्मत दी : राज्यपाल कटारिया


जयपुर, 24 नवंबर (हि.स.)। झालाना डूंगरी स्थित राजस्थान इंटरनेशनल सेंटर में रविवार को वरिष्ठ पत्रकार मिलापचंद डंडिया का अभिनंदन किया गया। समारोह में मुख्य अतिथि पंजाब के राज्यपाल गुलाब चंद कटारिया रहे और विधानसभा अध्यक्ष वासुदेव देवनानी ने अध्यक्षता की, जबकि विशिष्ट अतिथि पूर्व विधानसभा अध्यक्ष डॉ सीपी जोशी, वरिष्ठ पत्रकार प्रवीणचंद्र छाबड़ा रहे।

कार्यक्रम संयोजक सिविल लाइंस विधायक गोपाल शर्मा ने बताया कि मंचासीन अतिथियों ने 93 वर्षीय डंडिया के पत्रकारिता जीवन के अमृतोत्सव (75 वर्ष पूर्ण होने पर) अभिनंदन ग्रंथ का लोकार्पण भी किया। इसके बाद बजरंग सिंह शेखावत द्वारा हस्तलिखित सम्मान पत्र को डंडिया को समर्पित किया गया। सम्मान पत्र का वाचन वरिष्ठ पत्रकार राजेंद्र बोड़ा ने किया। वहीं, बीबीसी के पूर्व भारत प्रमुख संजीव श्रीवास्तव ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला, मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा और पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के शुभकामना संदेश का वाचन किया। कार्यक्रम का संचालन राजेंद्र शर्मा हंस ने किया। इससे पूर्व पद्मश्री से अलंकृत उस्ताद अहमद हुसैन और उस्ताद मोहम्मद हुसैन बंधुओं ने गणेश वंदना और मां शारदा की स्तुति के साथ समारोह की शुरुआत की। अभिनंदन समारोह में बड़ी संख्या में प्रबुद्धजन, पत्रकार और पत्रकारिता के विद्यार्थी शामिल हुए।

इस अवसर पर मिलापचंद डंडिया ने अभिनंदन समारोह के लिए पत्रकार जगत का आभार व्यक्त किया। उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी, लोकसभा अध्यक्ष, मुख्यमंत्री और पूर्व मुख्यमंत्री, विधानसभा अध्यक्ष और अभिनंदन समिति के संयोजक गोपाल शर्मा के प्रति कृतज्ञता जाहिर की। साथ ही नवोदित और युवा पत्रकारों को जजमेंट शिप के बजाय खोजपूर्ण सत्य और तथ्य आधारित पत्रकारिता को प्राथमिकता देने की नसीहत दी।

डंडिया की कलम ने सच को सच कहने की हिम्मत दी : राज्यपाल कटारिया

अभिनंदन समारोह में पंजाब के राज्यपाल गुलाबचंद कटारिया ने कहा कि मिलापचंद डंडिया की पत्रकारिता का मैं प्रत्यक्षदर्शी रहा हूं। हम चाहे सत्ता में रहे हों या विपक्ष में डंडिया को सदैव सच्ची लेखनी के लिए याद करते हैं। इन्होंने राजस्थान के पत्रकारों को सच को सच कहने की हिम्मत दी। इन्होंने वे खबरें प्रकाशित जो जनहित में जरूरी थी। इनकी बेबाक लेखनी के कारण ही आज मंच और सभागार में इतनी बड़ी संख्या में पत्रकार एकजुट हैं और सभी राजनीतिक दलों का प्रतिनिधित्व भी हो रहा है। हम सभी इनके उत्तम स्वास्थ्य एवं दीर्घायु जीवन की कामना करते हैं।

डंडिया व्यक्ति नहीं विचार हैं : देवनानी

राजस्थान विधानसभा के अध्यक्ष वासुदेव देवनानी ने कहा कि राजस्थान के वरिष्ठतम पत्रकार के अभिनंदन समारोह में उपस्थित होना गौरव का विषय है। यह अभिनंदन किसी व्यक्ति विशेष का नहीं है, बल्कि यह एक विचार का अभिनंदन है। कला और संस्कृति की जीती जागती ज्योति का अभिनंदन है। मिलापचंद डंडिया राजस्थान की विशिष्ट धरोहर हैं। यह अभिनंदन समारोह संपूर्ण पत्रकारिता क्षेत्र का सम्मान है। मुझे व्यक्तिगत रूप से इस बात का गर्व है कि मुझे ऐसे व्यक्ति के अभिनंदन के लिए समारोह समिति का अध्यक्ष बनने का सौभाग्य प्राप्त हुआ है।

डंडिया का जीवन ही पत्रकारिता का पाठ्यक्रम : डॉ सीपी जोशी

समारोह को संबोधित करते हुए पूर्व विधानसभा अध्यक्ष डॉ सीपी जोशी ने कहा कि डंडिया का पूरा पत्रकारीय जीवन सख्त अनुशासन के साथ सच्चाई के प्रति कटिबद्ध रहते हुए बीता है। इसके हम सभी गवाह हैं। नए पत्रकारों के लिए तो इनका जीवन ही विश्वविद्यालय के पाठ्यक्रम के समान है। उन्होंने कभी पक्ष- विपक्ष, मंत्री या मुख्यमंत्री की परवाह नहीं की और सदैव सच्चाई को प्रखरता से पेश किया। डंडिया की पत्रकारिता वर्तमान पीढ़ी के लिए आदर्श है।

डंडिया के बिना खोजपूर्ण पत्रकारिता का इतिहास अधूरा : गोपाल शर्मा

कार्यक्रम संयोजक सिविल लाइंस विधायक गोपाल शर्मा ने कहा कि मिलापचंद डंडिया की पत्रकारिता के 75 वर्षों की यात्रा का उल्लेख किए बिना राजस्थान की खोजपूर्ण पत्रकारिता का इतिहास अधूरा है। डंडिया ने राजस्थान की पत्रकारिता का हर दौर देखा है और हर मुकाम पर सक्रिय दिखाई दिए हैं। वे पत्रकारों की उस टोली के अग्रनायक हैं, जिन्होंने राष्ट्रीय स्तर पर कलम की धमक को महसूस करवाया। बेबाकी, ईमानदारी और कर्तव्यनिष्ठा उनकी पहचान है। पूर्व भैरोंसिंह शेखावत को डंडिया की सत्यनिष्ठा पर इतना विश्वास था कि वे हमेशा कहते थे कि उनके जीवन पर पुस्तक सिर्फ डंडिया ही लिख सकते हैं। उन्हें कभी पत्रकारिता के सिद्धांतों से समझौता करते नहीं देखा गया। उन्होंने जो कुछ लिखा, पूरा जोर लगाकर दम से लिखा और किसी विषय को लेकर अगर ठन गई तो बस ठन गई... फिर कभी हथियार नहीं डाले। अपनी निर्भीक कर्तव्यनिष्ठा के कारण उन्हें कई बार नुकसान भी उठाना पड़ा लेकिन वे कर्तव्य पथ से डिगे नहीं।

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हिन्दुस्थान समाचार / दिनेश