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जयपुर, 23 नवंबर (हि.स.)। राजस्थान हाईकोर्ट ने सौ वर्ग गज से कम आकार की संपत्ति के यूडी टैक्स का नोटिस रिश्तेदार के नाम देकर संपत्ति सील करने की कार्रवाई को अवैध घोषित किया है। इसके साथ ही अदालत ने सील को तत्काल हटाने के आदेश दिए हैं। सीजे एमएम श्रीवास्तव और जस्टिस आशुतोष कुमार की खंडपीठ ने यह आदेश सैनी स्टोन बिल्डिंग मटेरियल की ओर से दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए दिए।
याचिका में अधिवक्ता सुनील कुमार सिंगोदिया ने अदालत को बताया कि भरतपुर नगर निगम ने गत 11 सितंबर को याचिकाकर्ता की संपत्ति को यूडी टैक्स जमा नहीं कराने के आधार पर सील कर दिया। इसके चुनौती देते हुए कहा गया कि याचिकाकर्ता फर्म का प्रोपराइटर हरेन्द्र सैनी है। ऐसे में यूडी टैक्स का नोटिस भी उसके नाम से जारी होना चाहिए था। इसके बावजूद नगर निगम ने उसके रिश्तेदार राम गोपाल सैनी के नाम से नोटिस दिया था। याचिका में बताया गया कि नगर पालिका अधिनियम के तहत टैक्स वसूली की विस्तृत प्रक्रिया है, जिसमें संबंधित पक्ष को नोटिस देना भी शामिल है। इसके बावजूद याचिकाकर्ता की संपत्ति को उसे बिना वैध नोटिस दिए सील कर दिया गया। याचिका में यह भी कहा गया कि नगर पालिका अधिनियम की धारा 104 के तहत तीन सौ वर्ग गज तक की संपत्ति यूडी टैक्स से मुक्त रहेगी। याचिकाकर्ता की संपत्ति मात्र सौ वर्ग गज से भी कम होने के बावजूद उसका टैक्स बकाया बताकर संपत्ति को सील करने की कार्रवाई की गई। जिस पर सुनवाई करते हुए खंडपीठ ने संपत्ति की सील को तत्काल हटाने के आदेश दिए हैं।
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हिन्दुस्थान समाचार / पारीक