खुद को रिटायर्ड डीजी बताकर अधिकारियों पर रौब जमाने वाला साथी समेत गिरफ्तार
गाजियाबाद, 21 नवंबर (हि.स.)। थाना साहिबाबाद पुलिस ने गुरुवार को एक ऐसे शख्स को गिरफ्तार किया है जो खुद को रिटायर्ड डीजी बताकर न केवल पुलिस अधिकारियों पर रौब ग़ालिब करता था, बल्कि वह जहां भी जाता था वहां प्रोटोकॉल लेता और अपने काम निकलवा कर रुपये व
आरोपी फर्जी डीजी व उसका साथी पुलिस हिरासत में


गाजियाबाद, 21 नवंबर (हि.स.)।

थाना साहिबाबाद पुलिस ने गुरुवार को

एक ऐसे शख्स को गिरफ्तार किया है जो खुद को रिटायर्ड डीजी बताकर न केवल पुलिस अधिकारियों पर रौब ग़ालिब करता था, बल्कि वह जहां भी जाता था वहां प्रोटोकॉल लेता और अपने काम निकलवा कर रुपये वसूलता था। वह खुद को मणिपुर कैडर का आईपीएस बताया था। साथ ही विदेश मंत्री का सहपाठी भी बताता था।

जाँच पड़ताल में पुलिस को दिल्ली एनसीआर समेत दुबई तक के उसके कारनामों की जानकारी मिली है। उसके साथ उसका एक साथी भी गिरफ्तार किया गया है।

एडीसीपी पी दिनेश ने गुरुवार को बताया कि गिरफ्तार फर्जी डीजी का नाम अनिल कटियाल है। जो दिल्ली के ग्रेटर कैलाश में रहता है जबकि उसका साथी विनोद कपूर हैै जो हरियाणाके गुरुग्राम का निवासी है, उसे भी गिरफ्तार किया गया है। अनिल कटियाल ने खुद को 1979 बैच का मणिपुर काडर का आईपीएस बताया था और गाजियाबाद में पुलिस कमिश्नर और डीसीपी ट्रांस हिंडन से विनोद कपूर की सिफारिश की थी। उन्होंने बताया कि अनिल कटियाल का साथी विनोद कपूर दिल्ली कंस्ट्रक्शन कंपनी का मालिक है और इसने दिल्ली, पालम, सरसावा एयरपोर्ट और ग्वालियर एयरबेस जैसे महत्वपूर्ण जगह पर हैंगर रनवे कंपाउंड वॉल का निर्माण किया है। विनोद कपूर के खिलाफ थाना इंदिरापुरम में धोखाधड़ी का एक मुकदमा कायम है। जिसकी सिफारिश के लिए अनिल कटियाल गाजियाबाद के पुलिस कमिश्नर और डीसीपी ट्रांस हिंडन से मिला था। इतना ही नहीं अनिल कटियाल की शिकायत पर दो पुलिसकर्मी भी सस्पेंड कर दिए गए थे।

उन्होंने बताया कि अनिल कटियाल मूल रूप से डब्लूए -153 जीके फर्स्ट ,न्यू दिल्ली का निवासी है, इसके पिता चेतराम कटियाल एक आईआरएस अधिकारी रहे है, तथा अनिल कटियाल की प्राथमिक पढ़ाई सेंट कोलम्बस स्कूल तथा कालेज की पढ़ाई सेंट स्टीफन्स कालेज में वर्ष 1973 से 1978 तक हुई है। इसके उपरान्त अनिल कटियाल ने वर्ष 1979 में यूपीएससी की परीक्षा दी, जिसमें वह असफल रहा जिसके उपरान्त वह वर्ष 1979 में पीएचडी की पढ़ाई करने के लिए येल यूनिवर्सिटी, यूएसए (YALE UNIVERSITY, USA) गया तथा वर्ष 1980 में पीएचडी की पढ़ाई बीच में छोड़कर भारत वापस आ गया, उसके उपरान्त अनिल कटियाल वर्ष 1980 से 2000 तक हिन्दुस्तान लीवर (तत्कालीन नाम) कम्पनी में प्रबन्धक के पद पर कार्यरत रहा तथा वर्ष 2000 से 2005 तक यामाहा कम्पनी में चीफ जनरल मैनेजर के पद पर नियुक्त रहा तथा वर्ष 2005 से 2015 तक वोडाफोन कम्पनी में वाइस प्रैसिडेन्ट, कॉरपोरेट अफेयर्स के पद पर कार्य करते हुये सेवानिवृत्त हुआ। इसके बाद अभियुक्त अनिल कटियाल ने लोगों को अपना परिचय 1979 बैच का आईपीएस देकर ठगना शुरू किया ।

उन्होंने बताया कि 20नवम्बर को थाना साहिबाबाद पर उनि नीरज राठौर पीआरओ पुलिस उपायुक्त,कार्यालय जोन ट्रांस हिण्डन कमिश्नरेट गाजियाबाद में आर्थिक लाभ कमाने एवं मुकदमे में अनुचित लाभ प्राप्त करने के उद्देश्य से अपनी सही पहचान छुपाते हुए अपने आप को 1979 बैच का रिटायर्ड आईपीएस बताकर सरकारी कार्य में बाधा उत्पन्न करने तथा पुलिस के विरुद्ध मुकदमा लिखवाकर आजीवन कारावास की सजा दिलाने की धमकी थी। जिसके बाद पुलिस को शक हुआ और उसकी कुंडली खंगाली तो मामला फर्जी निकला।

---------------

हिन्दुस्थान समाचार / फरमान अली