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कोलकाता, 20 नवंबर (हि.स.)। दक्षिण 24 परगना जिले के विद्यानगर गांव की रहने वाली दिव्यांग बच्ची रिया सरदार को विश्व बाल दिवस के अवसर पर बुधवार को यूनिसेफ के पश्चिम बंगाल इकाई का प्रतीकात्मक प्रमुख बनाया गया।
रिया ने यूनिसेफ से बच्चों की राय को निर्णय प्रक्रिया में शामिल करने की अपील की। उन्होंने यूनिसेफ पश्चिम बंगाल प्रमुख मंजर हुसैन से एक दिन के लिए पदभार ग्रहण किया और निर्णय लिया कि संगठन बच्चों के विकास कार्यक्रमों की योजना बनाते समय उनकी राय को शामिल करेगा।
रिया ने कहा, शुरुआत में हमारे स्कूल के शौचालय में रैंप नहीं था, लेकिन स्कूल प्रशासन के प्रयासों से रैंप बनाया गया। मेरे पिता के अनुरोध पर अब कक्षाएं ग्राउंड फ्लोर पर लगाई जाती हैं क्योंकि मेरी तरह के बच्चों को ऊपरी मंजिलों तक पहुंचने में कठिनाई होती थी। कोई भी दिव्यांग बच्चा स्कूल या अन्य स्थानों पर परेशानी न झेले, इसका ध्यान रखा जाना चाहिए।
रिया ने अपने इस निर्णय को ईमेल के माध्यम से यूनिसेफ के कोलकाता कार्यालय के सभी अधिकारियों को भेजा।
यूनिसेफ के अधिकारियों ने रिया के इस निर्णय को लागू करने का वादा किया। उन्होंने कहा कि अब हर साल बच्चों के साथ एक बैठक आयोजित की जाएगी, ताकि उनकी राय को सुना और निर्णय प्रक्रिया में शामिल किया जा सके।
इसी कड़ी में मुर्शिदाबाद जिले के बहरमपुर में एक अन्य कार्यक्रम में चुआनपुर विद्यानिकेतन गर्ल्स हाई स्कूल की कक्षा 12 की छात्रा सौमिकी चक्रवर्ती ने सामुदायिक टीवी चैनल 'इमैजिनसीटीवी' की संपादक का पदभार संभाला। उन्होंने निर्णय लिया कि हर महीने बच्चों से जुड़े मुद्दों पर कम से कम एक खबर प्रसारित की जाएगी।
यूनिसेफ पश्चिम बंगाल प्रमुख मंजर हुसैन ने कहा कि बच्चों की आवाज को हमारे काम में शामिल करने की यह पहल उनकी भागीदारी को सुनिश्चित करेगी। इस तरह के प्रयास बच्चों की समस्याओं और राय को समझने में मदद करेंगे और समावेशी निर्णय लेने की प्रक्रिया को बढ़ावा देंगे।
हिन्दुस्थान समाचार / ओम पराशर