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बांदा, 20 नवंबर (हि.स.)। जनपद में बहुचर्चित दोहरे हत्याकांड में दोषी पाए गए पांच गैंगस्टर अपराधियों को गैंगस्टर एक्ट के तहत दोषसिद्ध कर सजा सुनाई गई। अपर सत्र विशेष न्यायाधीश (गैंगस्टर कोर्ट) गुणेंद्र प्रकाश ने अपने 40 पन्नों के फैसले में शैलेन्द्र सिंह उर्फ बउआ, अमित करिया, सौरभ धुरिया, नन्दू गुप्ता और कादिर को छह-छह वर्ष के कठोर कारावास और सात-सात हजार रुपये के जुर्माने की सजा सुनाई। जुर्माना अदा न करने पर सभी को दो महीने का अतिरिक्त कारावास भुगतना होगा।
विशेष लोक अभियोजक (गैंगस्टर एक्ट) सौरभ सिंह ने बताया कि ये सभी आरोपी एक संगठित गिरोह के सक्रिय सदस्य हैं। इस गैंग का सरगना शैलेन्द्र सिंह उर्फ बउआ है, जो जनपद का हिस्ट्रीशीटर अपराधी है और उस पर 50 से अधिक मुकदमे दर्ज हैं। 19 सितंबर 2007 को इस गिरोह ने थाना कोतवाली नगर क्षेत्र में दोहरे हत्याकांड को अंजाम दिया था। इसके अलावा, हत्या, धमकी और अन्य जघन्य अपराधों में ये आरोपी संलिप्त रहे हैं।
11 जनवरी 2008 को कोतवाली नगर प्रभारी निरीक्षक मनोज कौशिक ने इस गिरोह के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराई थी। गैंग चार्ट बनाकर जिलाधिकारी से अनुमोदन के बाद धारा 2/3 गैंगस्टर एक्ट के तहत मामला पंजीकृत किया गया। विवेचना निरीक्षक कृपाल सिंह परिहार ने की, और अभियोजन की प्रभावी पैरवी के लिए विशेष लोक अभियोजक सौरभ सिंह, पैरोकार दिनेश कुमार, और कोर्ट मोहर्रिर अमित राजपूत ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
मुकदमे की सुनवाई के दौरान अभियोजन पक्ष ने आठ गवाह पेश किए। साक्ष्यों और गवाही के आधार पर न्यायालय ने सभी आरोपियों को दोषी करार दिया। विशेष लोक अभियोजक ने बताया कि इन अपराधियों के आतंक के चलते लोग उनके खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराने और गवाही देने से डरते थे। दोहरे हत्याकांड के मामले में इन आरोपियों को पहले ही आजीवन कारावास की सजा हो चुकी है।
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हिन्दुस्थान समाचार / अनिल सिंह