कुम्भनगरी में आवागमन संग प्रयाग का माहात्म्य भी बताएंगे शहर के ई-रिक्शा चालक
-शहर के 1000 ई-रिक्शा चालकों को स्टोरी टेलिंग और सॉफ्ट स्किल की दी जा रही ट्रेनिंग -पर्यटन विभाग ने शुरू की शहर के रिक्शा चालकों की संस्कार पाठशाला -टैक्सी व ऑटो चालकों के बाद ई रिक्शा चालकों को संस्कारवान बनाने की पहल प्रयागराज, 15 नवम्बर (हि.स.)
चालक प्रशिक्षण


-शहर के 1000 ई-रिक्शा चालकों को स्टोरी टेलिंग और सॉफ्ट स्किल की दी जा रही ट्रेनिंग

-पर्यटन विभाग ने शुरू की शहर के रिक्शा चालकों की संस्कार पाठशाला

-टैक्सी व ऑटो चालकों के बाद ई रिक्शा चालकों को संस्कारवान बनाने की पहल

प्रयागराज, 15 नवम्बर (हि.स.)। उत्तर प्रदेश की योगी सरकार प्रदेश में पारम्परिक भारतीय मूल्यों और ’अतिथि देवो भवः’ की संकल्पना को साथ लेते हुए पर्यटकों को बेहतर सुविधाएं और वातावरण प्रदान कर रही है। महाकुम्भ इसके लिए बड़ा मंच प्रदान कर रहा है। शहर के ई रिक्शा चालकों को संस्कारवान बनाने की आज से हुई शुरुआत इसी का हिस्सा है। पर्यटन विभाग को इसकी जिम्मेदारी दी गई है।

-शहर के 1000 ई रिक्शा चालकों को संस्कारवान बनाने की पाठशाला शुरू

महाकुम्भ आने वाले श्रद्धालुओं और पर्यटकों के पहुंचने पर सबसे पहले भेंट होती है यहां टैक्सी चालक या ई रिक्शा चालकों से। इन चालकों के बर्ताव, आगंतुकों से संवाद और उनके तौर तरीके से भी कुम्भनगरी की छवि तय करेंगे। ऐसे में इनकी सॉफ्ट स्किल की ट्रेनिंग की जरूरत को देखते हुए आज से ई रिक्शा चालकों की ट्रेनिंग भी पर्यटन विभाग की तरफ से शुरू हुई है।

क्षेत्रीय पर्यटन अधिकारी अपराजिता सिंह बताती हैं कि एक हजार ई रिक्शा चालकों का प्रशिक्षण देने का अभियान आज से शुरू हुआ है। पहले दिन सौ ई रिक्शा चालकों को प्रशिक्षण दिया गया है। इस अभियान का उद्देश्य रिक्शा चालकों का स्किल डेवलेपमेंट और उनके बर्ताव को आगंतुकों के प्रति और बेहतर बनाना है। मान्यवर कांशीराम पर्यटन प्रबन्ध संस्थान, लखनऊ की अगुवाई में इन रिक्शा चालकों को ट्रेनिंग दी जा रही है। जिसके लिए उसकी एसओपी बनाई गई है। कुम्भ मेला प्रशासन के मुताबिक ये रिक्शे कुम्भ क्षेत्र के अंदर और बाहर चलाए जाएंगे जिनके लिए कलर कोडिंग भी की जायेगी।

-महाकुम्भ की गाथा और प्रयाग का महात्म्य बताएंगे ई रिक्शा चालक

मान्यवर कांशीराम पर्यटन प्रबंध संस्थान की तरफ से शहर के होटल राही इलावर्त में यह ट्रेनिंग शुरू हुई है। कांशीराम पर्यटन प्रबंध संस्थान के असिस्टेंट प्रोफेसर प्रखर तिवारी का कहना है कि पर्यटकों के साथ व्यवहार के प्रति संवेदनशील बनाने और पर्यटक स्थलों एवं मार्गों की जानकारी देने के साथ स्वच्छता की जानकारी देने के लिए इनका प्रशिक्षण दिया जा रहा है। इन रिक्शा चालकों को महाकुम्भ की कहानियां और प्रयाग के माहात्म्य का प्रशिक्षण भी दिया जा रहा है, ताकि ये लोग आने वाले श्रद्धालुओं और पर्यटकों को गंतव्य स्थल तक पहुंचाने के साथ प्रयागराज के पर्यटक स्थलों की भी रोचक अंदाज में जानकारी दे सकें। इसी क्रम में आज इन्हें यातायात के नियमों, स्वच्छता, अच्छे बर्ताव और डिजिटल भुगतान का भी प्रशिक्षण दिया गया है।

-ई रिक्शा चालकों का भरवाया गया फार्म

इन ई रिक्शा चालकों को ट्रेनिंग देने के पहले एक फॉर्म भी पर्यटन विभाग की तरफ से उनकी बुनियादी जानकारी के लिए भरवाया गया है। प्रयागराज ई रिक्शा एसोसिएशन के उपाध्यक्ष रघुनाथ द्विवेदी का कहना है कि यह फॉर्म ई रिक्शा चालकों को दिया गया है जिसमें उल्लिखित शर्तों का पालन करने पर ही उनको ट्रेनिंग का प्रमाणपत्र और रिक्शे का क्यू आर कोड मिलेगा। जिसे वे अपने रिक्शे में अपनी पहचान के लिए लगा सकेंगे। यह ट्रेनिंग वही रिक्शा चालक कर सकेंगे जिनके रिक्शे चाइना मेड नहीं हैं।

हिन्दुस्थान समाचार / विद्याकांत मिश्र