एसडीएम निजामाबाद के खिलाफ कानूनी कार्रवाई से पहले दिया सफाई का मौका
-दस दिन में याची को घर का कब्जा बहाल करने का निर्देश -अपर आयुक्त को पक्षकार बना मांगा जवाब प्रयागराज, 14 नवम्बर (हि.स.)। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने एसडीएम निजामाबाद, आजमगढ़ के उस आदेश को रद्द कर दिया, जिसमें उन्होंने न्यायालय में मामला लम्बित होने के बाद
इलाहाबाद हाईकोर्ट


-दस दिन में याची को घर का कब्जा बहाल करने का निर्देश

-अपर आयुक्त को पक्षकार बना मांगा जवाब

प्रयागराज, 14 नवम्बर (हि.स.)। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने एसडीएम निजामाबाद, आजमगढ़ के उस आदेश को रद्द कर दिया, जिसमें उन्होंने न्यायालय में मामला लम्बित होने के बाद भी याची को घर से बेदखल कर दिया था।

न्यायालय ने आदेश दिया है कि विवादित घर में 10 दिनों के भीतर याची का कब्जा बहाल किया जाए। इसके साथ एसडीएम को 26 नवम्बर 2024 को न्यायालय के समक्ष उपस्थित होने और यह बताने का निर्देश दिया है कि याची के अधिकारों में हस्तक्षेप के लिए मामले में कानूनी कार्रवाई के लिए मुख्य सचिव, उप्र को क्यों नहीं भेजा जाए। यह आदेश मनीष कुमार निगम ने फूलमती की याचिका पर दिया है।

साथ ही न्यायालय ने निर्देश दिया है कि अपर आयुक्त (प्रशासन) और अपर आयुक्त (न्यायिक) अपना व्यक्तिगत हलफनामा दाखिल करें और बताएं कि ऐसे आदेश कैसे पारित किए गए थे। 26 नवम्बर 2024 को सुनवाई के लिए तिथि नियत की गई है।

आजमगढ़ के निजामाबाद की रहने वाली याची फूलमती के घर को लेकर विवाद चल रहा था। सक्षम न्यायालय में मामला लंबित था। इस दौरान सब डिविजनल मजिस्ट्रेट, निज़ामाबाद ने 25 मार्च 2024 को एक नोटिस जारी कर कहा कि याची का घर पर अवैध रूप से कब्जा है। घर खाली करने और मालिक को कब्जा सौंपने के निर्देश जारी किए गए हैं। इसका अनुपालन नहीं किया गया है। अंतिम चेतावनी के रूप में आपको निर्देश दिया जाता है कि एक सप्ताह के भीतर विवादित परिसर को खाली कर दें और मकान मालिक को कब्जा सौंप दें, अन्यथा परिसर खाली करा लिया जाएगा। इसके बाद पुलिस टीम के साथ पहुंचकर याची को घर से बाहर कर दिया गया। इस नोटिस को याची ने हाईकोर्ट में चुनौती दी।

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हिन्दुस्थान समाचार / रामानंद पांडे