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शिमला, 13 नवंबर (हि.स.)। तकनीकी शिक्षा मंत्री राजेश धर्माणी ने आज यहां राज्य विद्युत बोर्ड लिमिटेड के मुख्य अभियंताओं के साथ आयोजित बैठक की अध्यक्षता की। बैठक के दौरान उन्होंने बोर्ड को आत्मनिर्भर और दक्ष संगठन बनाने के लिए सुधारात्मक कदम उठाने की बात की।
मंत्री ने कहा कि राज्य सरकार विद्युत आपूर्ति लागत को कम करने और नवीकरणीय ऊर्जा स्रोतों का अधिकतम उपयोग सुनिश्चित करने के लिए कार्य कर रही है। उन्होंने बताया कि प्रदेश में विद्युत बोर्ड उपभोक्ताओं को बेहतर सुविधाएं प्रदान करने के लिए प्राथमिकता से काम कर रहा है, ताकि वह उपभोक्ताओं का मित्र बन सके और आर्थिक रूप से सुदृढ़ हो सके।
राजेश धर्माणी ने हिमाचल प्रदेश को वर्ष 2026 तक हरित ऊर्जा राज्य बनाने की दिशा में राज्य सरकार के प्रयासों की जानकारी दी। उन्होंने कहा कि राज्य में अक्षय ऊर्जा स्रोतों का अधिकतम उपयोग सुनिश्चित किया जा रहा है और सरकारी तथा निजी क्षेत्रों में सौर ऊर्जा परियोजनाएं स्थापित की जा रही हैं।
मंत्री ने यह भी बताया कि उपभोक्ताओं की सुविधा के लिए प्रदेश में स्मार्ट मीटर लगाए जा रहे हैं। धर्मशाला और शिमला शहर में स्मार्ट मीटर लगाने से राजस्व में सकारात्मक परिणाम सामने आए हैं।
इसके अलावा उन्होंने बोर्ड की कार्यप्रणाली में सूचना प्रौद्योगिकी को समायोजित करने का भी प्रस्ताव रखा। इसके तहत बोर्ड के आईटी विंग को और सुदृढ़ किया जाएगा और सब-स्टेशनों को नवीनतम तकनीकों के माध्यम से संचालित करने की संभावनाओं पर विचार किया जा रहा है।
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हिन्दुस्थान समाचार / सुनील शुक्ला