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इटानगर, 13 नवंबर (हि.स.)। अरुणाचल प्रदेश के राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल (सेवानिवृत्त) केटी परनायक ने आज राजधानी दोर्जी खांडू कन्वेंशन सेंटर में तीन दिवसीय अरुणाचल साहित्य उत्सव के छठे संस्करण का उद्घाटन किया।
उद्घाटन सत्र में बोलते हुए राज्यपाल ने कहा कि साहित्य में जीवन बदलने की शक्ति है। यह अनसुनी आवाजों को बढ़ा सकता है, नए दृष्टिकोण प्रदान कर सकता है और सभी को दुनिया के बारे में अपने विचारों पर पुनर्विचार करने के लिए प्रोत्साहित कर सकता है।
उन्होंने आशा व्यक्त की कि यह उद्घाटन राज्य की साहित्यिक यात्रा में एक रोमांचक नया अध्याय खोलेगा, जिसमें कहानीकारों, कवियों, लेखकों और विचारकों को सम्मानित किया जाएगा, जिन्होंने पीढ़ियों से ज्ञान के विशाल भंडार को समृद्ध किया है जो हम सभी को जीवित रखता है।
राज्यपाल ने कहा कि साहित्य महोत्सव का सांस्कृतिक आदान-प्रदान को बढ़ावा देने, रचनात्मकता को बढ़ावा देने और पढ़ने और सीखने के प्रति प्रेम को प्रेरित करके गहरा सकारात्मक प्रभाव पड़ता है। वे अधिक साक्षर, सहानुभूतिपूर्ण और जुड़े हुए समाज के निर्माण में मदद करते हैं, व्यक्तियों को समृद्ध करते हैं, सामुदायिक संबंधों को मजबूत करते हैं और रचनात्मक अर्थव्यवस्था का समर्थन करते हैं। इस तरह के उत्सव स्थानीय लेखकों और कवियों को एक मूल्यवान मंच प्रदान करते हैं, जिससे उन्हें साहित्य के क्षेत्र में आगे बढ़ने के लिए प्रोत्साहन मिलता है।
उन्होंने इस कार्यक्रम को सालाना आयोजित करने के लिए सूचना एवं जनसंपर्क विभाग और अरुणाचल प्रदेश साहित्यिक सोसायटी, इटानगर की सराहना की। राज्यपाल ने सभी से पढ़ने की आदत विकसित करने का आग्रह करते हुए इस बात पर जोर दिया कि पढ़ने से हमारी आत्मा समृद्ध होती है। यह साहित्य की विभिन्न विधाओं में ढेर सारी जानकारी, अभिव्यक्ति, भावना और धारणाओं के द्वार खोलता है।
राज्यपाल ने स्वदेशी साहित्यिक संपदा और भाषाओं के संरक्षण और प्रचार-प्रसार का आह्वान किया। राज्य के गृह मंत्री मामा नातुंग, आईपीआर मंत्री न्यातो डुकम और आईपीआर सचिव न्याली एटे ने भी इस अवसर पर अपनी बात रखी।
हिन्दुस्थान समाचार / तागू निन्गी