प्रख्यात तमिल उपन्यासकार इंद्र सुंदरराजन का निधन, तमिलनाडु के मुख्यमंत्री सहित कई राजनीतिक हस्तियों ने शोक व्यक्त किया
इंद्रसुंदर राजन जिन्हें जिन्हें लोग पी. सुंदरराजन नाम से जानते थे, वह अब नहीं रहे। तमिल भाषा में लघु कथाओं, उपन्यासों, टेलीविजन धारावाहिकों और पटकथाओं के लेखन  में वह पहली श्रेणी के लेखक थे। 65 वर्षीय  उपन्यासकार की  रविवार  10 नवंबर, 2024  को  बाथरू
निधन : प्रख्यात तमिल उपन्यासकार इंद्र सुंदरराजन अब नहीं रहे,तमिलनाडु के मुख्यमंत्री सहित कई राजनीतिक हस्तियों ने शोक व्यक्त किया


चेन्नई, 10 नवंबर (हि.स.)। इंद्रसुंदर राजन जिन्हें जिन्हें लोग पी. सुंदरराजन नाम से जानते थे, वह अब नहीं रहे। तमिल भाषा में लघु कथाओं, उपन्यासों, टेलीविजन धारावाहिकों और पटकथाओं के लेखन में वह पहली श्रेणी के लेखक थे। 65 वर्षीय उपन्यासकार की रविवार 10 नवंबर 2024 को बाथरूम में फिसल कर गिरने से मृत्यु हो गई।

इंदिरा सुंदरराजन दक्षिण भारतीय हिंदू परंपराओं और पौराणिक कथाओं की विशेषज्ञ थीं। पूर्णकालिक लेखक बनने से पहले वह टीवीएस ग्रुप ऑफ़ कंपनीज़ में कार्यरत थे। उनकी कहानियां आम तौर पर अलौकिक घटनाओं, दैवीय हस्तक्षेप, पुनर्जन्म, भूत-प्रेत के मामलों से संबंधित रही हैं और अक्सर तमिलनाडु राज्य के लोक संस्कृति तथा रहन-सहन पर आधारित सच्ची कहानियों को उपन्यास के रूप में लिखने में उन्हें महारत हासिल थी।

बताया जा रहा है कि उनके दो या तीन उपन्यास हर महीने क्राइम स्टोरी और टुडे क्राइम न्यूज़ जैसे प्रकाशनों में प्रकाशित होते थे। उन्होंने पोधिगई टीवी कार्यक्रम कांचियिन करुणई में 300 से अधिक एपिसोड किए जो कांचीपुरम शंकराचार्य के पुजारी श्री चंद्रशेखर सरस्वती स्वामीगल की महानता को बताता है। अब तक उनकी 4 फिल्मों की पटकथा, 3 अनुवादित हिंदी कृतियां, 29 टीवी सीरियल की पटकथा और 65 उपन्यास लिखने के साथ-साथ एक फिल्म में एक्टिंग करने की विशेष उपलब्धि हासिल की थी।

मुख्यमंत्री एमके स्टालिन और अन्य राजनीतिक नेताओं ने रविवार को प्रसिद्ध तमिल लेखिका इंदिरा सुंदरराजन के निधन पर शोक व्यक्त किया। स्टालिन ने एक बयान में कहा, इंदिरा सुंदरराजन के निधन की खबर सुनकर मैं स्तब्ध और दुखी हूं। रहस्यमय और अलौकिक उपन्यासों के बारे में लिखने में उन्हें महारत हासिल थी। उन्होंने सैकड़ों उपन्यास लिखे और वे ऐतिहासिक काल को वर्तमान के साथ जोड़कर रोचक तरीके से उपन्यास की रचनाएं गढ़ने में माहिर थे।

तमिल जगत के इस प्रख्यात उपन्यासकार के निधन पर भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष के अन्नामलाई और अन्य नेताओं ने भी लोकप्रिय उपन्यासकार के निधन पर अपनी संवेदना व्यक्त की। इंदिरा सुंदरराजन अलौकिक और रहस्यमय विषयों को रचने के लिए प्रसिद्ध खूब जानी जाती रही है। उन्होंने आगे कहा कि उनके द्वारा लिखी गई उपन्यास में 'मर्मदेसम', 'इरायुथिर काडू' और 'थंगक्कडू' जैसी कृतियों में एक अद्भुत आकर्षण झलकता है।

पॉकेट नॉवेल प्रकाशक की ओर से जी अशोकन ने बताया कि लेखिका रविवार को मदुरै स्थित अपने आवास के बाथरूम में वह फिसल गिर गई थीं और उन्हें काफी चोट लग गया था। आनन-फानन में जब स्थानीय अस्पताल में लाया गया तो डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। अशोकान ने बताया कि वह वह 65 वर्ष की थीं।

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हिन्दुस्थान समाचार / डॉ आर बी चौधरी