बिहार में स्वास्थ्य विभाग के टेंडर में हो गया 'खेल'
पटना, 25 अक्टूबर (हि.स.)। बिहार स्वास्थ्य विभाग के 23 अक्टूबर को खुले टेंडर में बड़े 'खेल' किए जाने का आरोप लगा है। इसमें शामिल सात कंपनियों में से छह का डंके की चोट पर कहना है कि स्वास्थ्य समिति ने पैथोलॉजी सर्विसेज के लिए जो वित्तीय टेंडर 23 अक्ट
दो साक्ष्य ...इनमें से एक मध्य प्रदेश के विधानसभा सदस्य हेमंत सत्यदेव कटारे का है। उन्होंने ध्यानाकर्षण प्रस्ताव के तहत इस कंपनी का मुद्दा उठाया। दूसरा इस टेंडर से संबंधित है।


दो दस्तावेज...इनमें से एक मध्य प्रदेश के विधानसभा सदस्य सत्यदेव कटारे का है। उन्होंने ध्यानाकर्षण प्रस्ताव के तहत इस कंपनी का मुद्दा उठाया। दूसरा इस टेंडर से संबंधित है।


पटना, 25 अक्टूबर (हि.स.)। बिहार स्वास्थ्य विभाग के 23 अक्टूबर को खुले टेंडर में बड़े 'खेल' किए जाने का आरोप लगा है। इसमें शामिल सात कंपनियों में से छह का डंके की चोट पर कहना है कि स्वास्थ्य समिति ने पैथोलॉजी सर्विसेज के लिए जो वित्तीय टेंडर 23 अक्टूबर को देरशाम खोले, उनमें एल 1 आने वाली कंपनी साइंस हाउस की फाइनेंसियल बिड में काफी असमानता है। इस कंपनी ने अलग-अलग जगह पर अलग-अलग रेट डाले।

इन कंपनियों के इस मुद्दे को उठाने पर स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों के हाथ-पांव फूल गए। लगभग डेढ़ घंटे बाद यह कह कर सभी कंपनियों को बाहर कर दिया गया कि इस मुद्दे को टेंडर समित देखेगी और जो भी निर्णय होगा, उसे वेबसाइट पर अपलोड कर दिया जाएगा। बड़ा आरोप यह है कि स्वास्थ्य विभाग ने टेंडर खुलने के बाद कार्रवाई शीट पर किसी का भी दस्तखत नहीं करवाया।

उल्लेखनीय है कि बिहार स्वास्थ्य समिति ने सभी सरकारी स्वास्थ्य केंद्रों पर पैथोलॉजी जांच के लिए निविदा निकाली। इसकी अंतिम तिथि तीन अक्टूबर थी। एनआईटी संख्या 09/एसएचएसबी/ पैथोलॉजी सर्विसेज /2024 -25 के तहत सात कंपनियों को तकनीकी रूप से इसके लिए सक्षम पाया गया। 23 अक्टूबर को शाम पांच बजे निविदा खोली गई। इसमें साइंस हाउस कंपनी को एल 1 बताया गया।

कहा जा रहा है कि इस प्रक्रिया के दौरान निविदा में भाग लेने वाली कुछ कंपनियों के प्रतिनिधियों ने देखा कि साइंस हाउस की विड में अलग-अलग जगह अलग-अलग रेट कोट किए गए हैं। साइंस हाउस ने दो शीट पर 1 परसेंट डिस्काउंट का फिगर डाला तो एक शीट पर 77 परसेंट डिस्काउंट का। यह भी देखा गया कि विड खोलने वाले अधिकारी मैनुअली 1 परसेंट वाली शीट को 77 परसेंट करते नजर आए। जब अन्य प्रतिभागियों ने इस पर आपत्ति दर्ज कराई तो सभी अधिकारी ईडी के कमरे में चले गए और लगभग एक घंटे बाद एक अधिकारी से यह कहलाया गया कि इस आपत्ति पर स्वास्थ्य समिति विचार करेगी और जो भी निर्णय होगा, उसे वेबसाइट पर अपलोड कर दिया जाएगा। अधिकारियों ने लिखित आपत्ति को लेने से भी मना कर दिया। इस कारण निविदा में भाग लेने वाली कंपनियों ने ई-मेल के जरिये आपत्ति विभाग को भेजी।

यहां यह भी जानना महत्वपूर्ण है कि बिहार के सभी सरकारी स्वास्थ्य केंद्रों में पैथोलॉजी जांच के लिए चयनित एक एजेंसी पहले से ही काम कर रही है और उसका कार्यकाल पिछले साल ही तीन साल के लिए बढ़ाया गया। बीच में स्टेट हेल्थ सोसाइटी बिहार ने एक नई निविदा जारी कर दी। पहले बिहार के सरकारी स्वास्थ्य केंद्रों पर पैथोलॉजी जांच का निविदा बिहार मेडिकल सर्विसेज ऐंड इंफ्रास्ट्रक्चर कारपोरेशन ने जारी की थी, जिसने पिछले साल पहले से काम कर रही एक कंपनी को तीन साल का एक्सटेंशन दिया। अब यही निविदा स्टेट हेल्थ सोसाइटी बिहार ने जारी की है, ताकि किसी प्रकार की कानूनी अड़चन न आए।

साइंस हाउस पहले से ही विवादित कंपनी रही है। इसके घोटाले का मुद्दा मध्य प्रदेश विधानसभा में भी उठ चुका है और इसके खिलाफ मुकदमा भी चल रहा है। साइंस हाउस ने बिहार हेल्थ सोसाइटी का टेंडर भरते समय इन बातों को छुपा लिया है।

हिन्दुस्थान समाचार / मुकुंद