उस्ताद जवाद अली के राग गीतों ने विरासत में जमाया रंग
देहरादून, 24 अक्टूबर (हि.स.)। विश्व विख्यात गायक जवाद अली खान ने गुरुवार को विरासत आर्ट एंड हेरिटेज महोत्सव के सांस्कृतिक कार्यक्रम में याद पिया की आए..,बाली उमरया..जैसे अन्य राग गीतों की मनमोहक प्रस्तुतियों से खूब रंग जमाया। कोलागढ़ रोड स्थित ओएनजी
विरासत महोत्सव सांस्कृतिक संध्या कार्यक्रम।


देहरादून, 24 अक्टूबर (हि.स.)। विश्व विख्यात गायक जवाद अली खान ने गुरुवार को विरासत आर्ट एंड हेरिटेज महोत्सव के सांस्कृतिक कार्यक्रम में याद पिया की आए..,बाली उमरया..जैसे अन्य राग गीतों की मनमोहक प्रस्तुतियों से खूब रंग जमाया।

कोलागढ़ रोड स्थित ओएनजीसी एम्बे अम्बेडकर स्टेडियम में विरासात महोत्व के दसवें दिन सांस्कृतिक संध्या कार्यक्रम में गायक जवाद अली खान ने राग की शुरुआत 'राग बिहाग' से शुरू की। तानपुरा पर उनका साथ डॉ. दीपक वर्मा और अंगद सिंह ने दिया। सुरमंडल पर जवाद अली खान,हारमोनियम पर पारोमिता दास और तबले पर जाने माने विख्यात पंडित शुभ महाराज ने संगत दी। इस संगीतमय की शाम में प्रतिभा और परंपरा का अद्भुत संगम देखने को मिला।

उस्ताद जवाद अली खान आकाशवाणी और दूरदर्शन के शीर्षस्थ कलाकार हैं। एक महान परंपरा को आगे बढ़ाते हुए और महान गुरुओं की वंशावली के गौरवशाली वंशज उस्ताद जवाद अली खान करामत अली खान के पुत्र और पद्म भूषण उस्ताद बड़े गुलाम अली खान के बहुत प्रतिभाशाली पोते हैं, जो कसूर पटियाला घराने के प्रमुख और इस सदी के सबसे महान गायकों में से एक माने जाते हैं।

हिन्दुस्थान समाचार / राजेश कुमार