सरकार अगले पांच साल में 50 और एयरपोर्ट विकसित करेगी: राममोहन नायडू
नई दिल्ली, 24 अक्टूबर (हि.स.)। नागरिक उड्डयन मंत्री के. राममोहन नायडू ने गुरुवार को कहा कि केंद्र सरकार का इरादा अगले पांच साल में 50 अतिरिक्त एयरपोर्ट विकसित करने का है। नायडू ने राजधानी नई दिल्ली में एयरबस इंडिया और दक्षिण एशिया मुख्यालय पर प्रशिक्
कार्यक्रम को संबोधित करते नागरिक उड्डयन मंत्री नायडू


कार्यक्रम को संबोधित करते नागरिक उड्डयन मंत्री नायडू


कार्यक्रम को संबोधित करते नागरिक उड्डयन मंत्री नायडू


नई दिल्ली, 24 अक्टूबर (हि.स.)। नागरिक उड्डयन मंत्री के. राममोहन नायडू ने गुरुवार को कहा कि केंद्र सरकार का इरादा अगले पांच साल में 50 अतिरिक्त एयरपोर्ट विकसित करने का है। नायडू ने राजधानी नई दिल्ली में एयरबस इंडिया और दक्षिण एशिया मुख्यालय पर प्रशिक्षण केंद्र के उद्घाटन कार्यक्रम में यह बात कही। इस मौके पर नागर विमानन सचिव वुमलुनमंग वुअल्नम ने कहा कि देश में हवाई यात्रियों की संख्या अगले 5 साल में दोगुनी होने की उम्मीद है, पिछले साल यह संख्‍या 22 करोड़ रही थी।

केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री ने इस अवसर पर अपने संबोधन में कहा कि सरकार का इरादा अगले पांच वर्षों में 50 नए एयरपोर्ट को विकसित करने का है। उन्‍होंने कहा कि यह संख्या अगले 20 वर्षों में 200 अतिरिक्त हवाई अड्डों तक हो जाने की उम्मीद है। नायडू ने कहा कि मुझे नई दिल्ली अंतरराष्ट्री्य हवाई अड्डे के पास एशिया में एयरबस के पहले पूर्ण स्वामित्व वाले मुख्यालय और प्रशिक्षण केंद्र का उद्घाट्न करने का सौभाग्य मिला।

उन्होंने कहा कि यह अत्याधुनिक प्रशिक्षण केंद्र हर साल 800 पायलटों के साथ-साथ 200 तकनीशियनों को प्रशिक्षित करेगी। नायडू ने कहा कि मैं हमारे विमानन पारिस्थितिकी तंत्र में इसके अहम योगदान के लिए एयरबस की सराहना करता हूं। नागरिक उड्डयन मंत्री ने देश की हवाई अड्डा पारिस्थितिकी को और विकसित करने की वकालत करते हुए कहा कि इससे रोजगार सृजन को बढ़ावा मिलेगा।

उन्होंने कहा कि यह प्रशिक्षण केंद्र हमारी अर्थव्यवस्था के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है। यह नौकरियों का सृजन के अलावा भारत और दक्षिण एशिया में कुशल पायलटों की बढ़ती मांग को पूरा करने में सहायक होगा। गौरतलब है‍कि नरेन्द्र मोदी सरकार के पिछले 10 साल के कार्यकाल में देशभर में हवाई अड्डों की संख्या दोगुनी होकर 157 तक पहुंच गई है।

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हिन्दुस्थान समाचार / प्रजेश शंकर