तिरुपति मंदिर में लड्डूओं में कथित रूप से मिलावट के मामले पर सुप्रीम कोर्ट में एक नई याचिका, सीबीआई जांच की मांग
नई दिल्ली, 01 अक्टूबर (हि.स.)। तिरुपति के मंदिर में लड्डूओं में कथित रूप से मिलावट के मामले पर सुप्रीम कोर्ट में एक नयी याचिका दायर की गई है। नयी याचिका ग्लोबल पीस इनिशियेटिव के अध्यक्ष केए पॉल ने दायर की है। याचिका में मांग की गई है कि इस मामले की स
Suprem Court File Photo


नई दिल्ली, 01 अक्टूबर (हि.स.)। तिरुपति के मंदिर में लड्डूओं में कथित रूप से मिलावट के मामले पर सुप्रीम कोर्ट में एक नयी याचिका दायर की गई है। नयी याचिका ग्लोबल पीस इनिशियेटिव के अध्यक्ष केए पॉल ने दायर की है। याचिका में मांग की गई है कि इस मामले की सीबीआई जांच की जाए।

बतादें कि 30 सितंबर को इस मामले पर सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई की थी। सुप्रीम कोर्ट आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू के बयान पर सवाल उठाते हुए कहा कि भगवान को राजनीति से दूर रखा जाना चाहिए। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि जो रिपोर्ट सार्वजनिक हुई है वो जुलाई की है। लेकिन मुख्यमंत्री इसको लेकर सितंबर में जाकर बयान दे रहे हैं। प्रसादम मामले की जांच राज्य सरकार की ओर से गठित एसआईटी ही करेगी या जांच किसी दूसरी एजेंसी को सौंपा जाएगा, सुप्रीम कोर्ट इस पर 3 अक्टूबर को आदेश सुना सकता है। सुप्रीम कोर्ट ने सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता से पूछा था कि क्या राज्य सरकार की एसआईटी काफी है या किसी स्वतंत्र एजेंसी को नए सिरे से जांच करनी चाहिए।

सुनवाई के दौरान कोर्ट ने कहा कि इस रिपोर्ट को देखकर ये स्पष्ट नहीं है कि कथित मिलावट वाला घी लड्डू प्रसाद में इस्तेमाल हुआ कि नहीं। कोर्ट ने मंदिर प्रशासन से पूछा कि जिस सैंपल में मिलावट मिला था , क्या उसका इस्तेमाल प्रसादम बनाने में हुआ था। तब मंदिर प्रशासन के वकील ने कहा कि इसकी जांच करनी होगी। इस पर कोर्ट ने कहा कि जब जांच चल रही थी , फिर ये सबूत कहां है कि प्रसादम का लड्डू बनाने में मिलावटी घी का प्रयोग हुआ था।

सुप्रीम कोर्ट में बीजेपी नेता सुब्रमण्यम स्वामी समेत दूसरे याचिकाकर्ताओं ने याचिका दायर की है। याचिका में इस मामले की जांच की मांग की है क्योंकि उनके इस आरोप से भक्तों में अराजकता पैदा हो गई है। याचिका में भगवान श्री वेंकटेश्वर के निवास स्थान तिरुपति तिरुमाला में लड्डूओं में घटिया सामग्री और पशु की चर्बी के कथित आरोपों की जांच के लिए सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में एक कमेटी गठित करने की मांग की गई है। याचिका में कहा गया है कि मंदिर में प्रसाद की गुणवत्ता की आंतरिक रुप से जांच करने की जानी चाहिए।

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हिन्दुस्थान समाचार / प्रभात मिश्रा