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जगदलपुर, 13 मार्च (हि.स.)। बस्तर जिला मुख्यालय के राजेन्द्र प्रसाद वार्ड निवासी कुमारी संचिता यदु अपनी हायर सेकंडरी की पढ़ाई के बाद रोजगार की तलाश में थी, लेकिन वर्तमान समय में हर किसी को आसानी से रोजगार सुलभ होना मुश्किल है। यही स्थिति संचिता के साथ भी हुई, तो संचिता ने अपने पिता के आलू-प्याज एवं लहसुन विक्रय कारोबार को ही अपनाने की सोची, परन्तु उसकी समस्या पूंजी की थी। इस बीच उसे छग शासन की मुख्यमंत्री युवा स्वरोजगार योजना के बारे में जानकारी मिली, इस योजनांतर्गत लाभान्वित होकर आज संचिता अपने पैतृक व्यवसाय को एक नई दिशा दे चुकी हैं।
संचिता बताती हैं कि पिता के देहांत के उपरांत परिवार में स्वयं के साथ माता एवं एक भाई सहित तीन सदस्यीय परिवार के भरण पोषण की चिंता थी। घर के अलावा कोई कृषि भूमि नही थी, किन्तु परिवार की स्थिति को देखते हुऐ जीवन निर्वाह करने के लिए अतिरिक्त आय की जरूरत हो रही थी, बड़ी होने के कारण मुझे जिम्मेदारी लेनी पड़ी और मैं अपने पिता के आलू-प्याज एवं लहसुन बिक्री व्यवसाय को आगे बढ़ाने की सोचते हुए काम चालू कर दिया। किन्तु कुछ समय के बाद दुकान चलाने के लिए पूंजी कम होने लगी, तभी बस्तर चेम्बर ऑफ कॉमर्स जगदलपुर में जिला व्यापार एवं उद्योग केन्द्र के अधिकारी से मुख्यमंत्री युवा स्वरोजगार योजना के शिविर से जानकारी मिली, उसके उपरांत इस योजना के अंतर्गत पूर्व से संचालित आलू-प्याज एवं लहसुन बिक्री व्यवसाय हेतु दो लाख रुपये ऋण राशि के लिये आवेदन किया गया और मुझे ऋण जनवरी 2023 को छत्तीसगढ़ ग्रामीण बैंक जगदलपुर द्वारा इस योजना के अंतर्गत दो लाख रुपये की ऋण राशि स्वीकृत कर वितरित किया गया। उसके बाद उद्योग विभाग द्वारा एक सप्ताह का उद्यमिता विकास प्रशिक्षण कराया जिसमें मैंने पूर्ण उपस्थिति देकर प्रशिक्षण ग्रहण किया और मेरे वर्ग अनुसार मुझे 30 हजार रुपये का अनुदान प्रदान किया गया।
संचिता ने बताया कि आज दुकान चलाते हुए करीब तीन साल हो गये और मैं अपने कारोबार की आय से समय पर ऋण राशि का पूर्ण भुगतान कर रही हूं। रोजाना दुकान से लगभग पांच से दस हजार रुपये की ब्रिकी होती है और मुझे हर दिन लगभग दो हजार रुपए की आमदनी होती है। अब मेरे परिवार की आर्थिक स्थिति भी पहले से अच्छी हो गई है और परिवार खुशहाल है।
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हिन्दुस्थान समाचार / राकेश पांडे