पॉलिटेक्निक से निकाले गए व्याख्याताओं को नौकरी का मुख्यमंत्री का आश्वासन
गुवाहाटी, 13 मार्च (हि.स.)। असम सरकार द्वारा अनुबंधित व्याख्याताओं की सेवाएं समाप्त करने के बाद, 60 से अधिक प्रभावित शिक्षक गुवाहाटी के ससल इलाके में लगातार प्रदर्शन कर रहे हैं। इस फैसले से शिक्षकों में नाराजगी है, जो पिछले आठ वर्षों से सेवा दे रहे थ
प्रभावित पालिटेक्निक शिक्षक गुवाहाटी के ससल इलाके में प्रदर्शन करते हुए।


गुवाहाटी, 13 मार्च (हि.स.)। असम सरकार द्वारा अनुबंधित व्याख्याताओं की सेवाएं समाप्त करने के बाद, 60 से अधिक प्रभावित शिक्षक गुवाहाटी के ससल इलाके में लगातार प्रदर्शन कर रहे हैं। इस फैसले से शिक्षकों में नाराजगी है, जो पिछले आठ वर्षों से सेवा दे रहे थे।

मुख्यमंत्री डॉ. हिमंत बिस्व सरमा ने इस मुद्दे पर प्रतिक्रिया व्यक्त हुए कहा कि 2017 में पॉलिटेक्निक और इंजीनियरिंग कॉलेजों में 370 अंशकालिक व्याख्याताओं की भर्ती की गई थी, जिन्हें प्रति कक्षा के हिसाब से भुगतान किया जाता था। इनमें से 133 को नियमित भर्ती प्रक्रिया के माध्यम से स्थायी नौकरी मिली, जबकि 67 ने इस्तीफा दे दिया। शेष व्याख्याताओं ने हाईकोर्ट में अपना मामला दायर किया, लेकिन अदालत ने सरकार को अनुबंधित कर्मचारियों को नियमित करने से रोक दिया।

सरकार ने नई पॉलिटेक्निक कॉलेजों की स्थापना (हाजो, टिंगखोंग और माजुली) को ध्यान में रखते हुए प्रभावित व्याख्याताओं को अंशकालिक रोजगार देने का प्रस्ताव दिया है। इसके अलावा, उन्हें नियमित पदों के लिए आवेदन करने की छूट भी दी जाएगी। मुख्यमंत्री ने यह भी स्पष्ट किया कि नए भर्ती किए गए शिक्षकों को हटाकर पुराने कर्मचारियों की पुनर्नियुक्ति करना नए विवाद को जन्म देगा।

प्रदर्शनकारी व्याख्याताओं का कहना है कि वे उच्च शैक्षणिक योग्यता वाले हैं और उनके छात्रों ने 84 फीसदी से अधिक अंक प्राप्त किए हैं। इसके बावजूद, अनुबंधित सेवा की वजह से वे कहीं और नौकरी नहीं पा सके। उन्हें 10 मार्च को अचानक बर्खास्तगी का नोटिस दिया गया, जिससे उनके भविष्य को लेकर असमंजस की स्थिति बन गई है।

इस बीच, तकनीकी शिक्षा निदेशालय ने स्पष्ट किया कि 2016 में पॉलिटेक्निक संस्थानों में अंशकालिक व्याख्याताओं की अस्थायी नियुक्ति की गई थी, जबकि स्थायी पदों के लिए असम लोक सेवा आयोग (एपीएससी) द्वारा भर्ती की जानी थी। हालांकि, व्याख्याताओं द्वारा दायर याचिकाओं के कारण यह प्रक्रिया बाधित हो गई।

असम इंजीनियरिंग सेवा भर्ती बोर्ड ने 2023 में 107 सहायक प्रोफेसरों और 137 व्याख्याताओं की भर्ती प्रक्रिया शुरू की थी, लेकिन कानूनी अड़चनों के चलते यह प्रक्रिया जटिल होती जा रही है।

विरोध प्रदर्शन कर रहे व्याख्याताओं का कहना है कि सरकार को उनके वर्षों के योगदान को मान्यता देनी चाहिए और उन्हें दोबारा नियुक्त करने पर विचार करना चाहिए।

हिन्दुस्थान समाचार / श्रीप्रकाश