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शिवपुरी, 5 फरवरी (हि.स.)। मध्य प्रदेश के शिवपुरी जिले में आर्थिक अपराध अन्वेषण ब्यूरो (ईओडब्ल्यू) और लोकायुक्त पुलिस ने बुधवार को आय से अधिक संपत्ति की शिकायत पर दो शिक्षकों पर कार्रवाई की। इस दौरान जिस शिक्षक ने 27 साल के सेवाकाल में वेतन के रूप में महज 38 लाख रुपये प्राप्त किए, उसके पास आठ करोड़ से अधिक की चल-अचल संपत्ति बरामद हुई है। ईओडब्ल्यू ने जांच शुरू कर दी है।
ईओडब्ल्यू की टीम ने शिवपुरी जिले के भौंती में प्राथमिक सहायक शिक्षक सुरेश सिंह भदौरिया के घर छापेमारी की। कार्रवाई में भदौरिया और उनके परिजन के नाम पर आठ करोड़ रुपये की संपत्ति का खुलासा हुआ है। ईओडब्ल्यू अधिकारियों ने बताया कि इसमें दुकानें, घर, कार, सोना-चांदी, ट्रक-ट्रैक्टर और भी अन्य संपत्ति शामिल है। भदौरिया भौंती थाने की जमीन पर कब्जे का केस तीन महीने पहले ही हारे हैं। उन्होंने जमीन को अपना बताते हुए कोर्ट में दावा किया था।
ईओडब्ल्यू की टीम ने बुधवार सुबह भौंती में एक प्राथमिक सहायक शिक्षक के निवास पर छापा मारा। टीम ने यहां बैंक खातों और वित्तीय लेनदेन के साथ ही घर में मिले जमीन संबंधित दस्तावेज की जांच की। कार्रवाई आय से अधिक संपत्ति होने की शिकायत पर की गई है। ईओडब्ल्यू के अधिकारियों के अनुसार वर्तमान में 65 हजार मासिक वेतन पाने वाला शिक्षक सुरेश सिंह भदौरिया 1998 से नौकरी में है। शिक्षक के पास कुल 8 करोड़ 36 लाख 32 हजार 340 रुपये की चल-अचल संपत्ति की जानकारी प्राप्त हुई है। आरोपी शिक्षक ने अपने लगभग 27 साल के सेवाकाल में वेतन के रूप में लगभग 38 लाख चार हजार रुपये की धनराशि ही प्राप्त की। भू अधिकार पुस्तिका 44 व 12 बैंक खाता की पासबुक प्राप्त हुई हैं। जांच में पता चला है कि सुरेश सिंह वर्ग तीन के शासकीय शिक्षक होने के साथ ही अन्य व्यवसाय से भी जुड़े रहे हैं। कुछ समय पहले तक वह एक शासकीय उचित मूल्य की दुकान का संचालन भी कर चुके हैं। जमीनों के धंधे से भी जुड़े रहे हैं।
कांग्रेस नेता व पूर्व मंत्री केपी सिंह के नजदीकी माने जाते हैं। मूलत: भिंड के रहने वाले हैं। उसके बाद शिवपुरी के भौंती में आकर रहने लगे। उसके खिलाफ कई धाराओं में मुकदमा दर्ज कर ईओडब्ल्यू ग्वालियर द्वारा उसके आवास व अन्य स्थान पर कार्रवाई की गई। टीम ने घर पहुंचने के बाद अलमारियों में रखा जमीन, आय, लेनदेन और बैंक का पूरा बहीखाता खंगालना शुरू कर दिया। इसमें सुरेश व परिजन के नाम से करोड़ों की संपत्ति की जानकारी मिली है। संपत्ति में कई दुकानें, भवन, 4.71 लाख की नकदी, 371 ग्राम सोना, दो किलो 826 ग्राम चांदी, ट्रक, स्कार्पियो आदि शामिल है।
ईओडब्ल्यू के मुताबिक, सुरेश सिंह भदौरिया ने अपने सर्विस पीरियड में लगभग 38 लाख 4 हजार रुपए वेतन के रूप में कमाए हैं। लेकिन, छापे में मिली संपत्तियों की अनुमानित कीमत 8 करोड़ 36 लाख 32 हजार 340 रुपए है। इस तरह उन्होंने अपनी वैध आय से 7 करोड़ 98 लाख 28 हजार 340 रुपए की अधिक संपत्ति अर्जित की है।
जबलपुर में घर और फार्महाउस पर लोकायुक्त का छापा
वहीं, दूसरी कार्रवाई जबलपुर में की गई। यहां लोकायुक्त पुलिस की टीम ने बुधवार को सुहागी में रहने वाले शिक्षक हरिशंकर दुबे के घर और फार्महाउस पर एक साथ दबिश देकर कार्रवाई शुरू की। साल 1986 से शिक्षा विभाग में पदस्थ हरिशंकर दुबे अभी शासकीय स्कूल बरखेड़ा में पदस्थ हैं। जांच के दौरान सुहागी में 2 मंजिला बंगला, एक लग्जरी कार सहित जमीन के दस्तावेज भी मिले हैं।
लोकायुक्त डीएसपी दिलीप झरबड़े ने बताया कि 4 घंटे की कार्रवाई के दौरान टीम ने संपत्ति से जुड़े कई दस्तावेज जब्त किए हैं। 90 अलग-अलग जमीनों के खसरे भी परिवार वालों के नाम पर मिले हैं। यह जांच का विषय है कि जो खसरे परिवार वालों के नाम पर हैं, वो कौन हैं। सहायक शिक्षक हरिशंकर दुबे के बेटा अतुल दुबे भारतीय जनता पार्टी में प्रदेश कार्यकारिणी सदस्य हैं। अतुल दुबे भाजपा के हर कार्यक्रम में शामिल भी होते हैं। हालांकि, कार्रवाई के दौरान अतुल मौके पर नहीं थे।
अगले साल सहायक शिक्षक हरिशंकर दुबे का रिटायरमेंट होना है। दुबे जबलपुर के रहने वाले हैं। उन्होंने पूरी नौकरी जबलपुर शहर और आसपास ही की है। लोकायुक्त पुलिस अब इसकी भी जांच कर रही है कि इन्होंने किस तरीके से अकूत संपत्ति बनाई है।
हिन्दुस्थान समाचार / मुकेश तोमर