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नई दिल्ली, 04 फरवरी (हि.स.)। विश्व कैंसर दिवस के अवसर पर सफदरजंग अस्पताल के प्रसूति एवं स्त्री रोग विभाग ने एक जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया, जिसमें कैंसर की रोकथाम और स्क्रीनिंग की महत्ता पर प्रकाश डाला गया। विशेषज्ञों ने बताया कि भारत में हर साल 15 लाख नए कैंसर के मामले सामने आते हैं, जिनमें आधे से अधिक महिलाएं होती हैं। स्तन और सर्वाइकल कैंसर महिलाओं में सबसे अधिक पाए जाते हैं, लेकिन सही जीवनशैली अपनाकर, धूम्रपान और शराब से बचाव कर, और सुरक्षित यौन संबंध अपनाकर इनसे बचा जा सकता है।
कार्यक्रम में टीकाकरण और नियमित जांच की आवश्यकता पर जोर दिया गया। विशेषज्ञों ने बताया कि 9-14 वर्ष की उम्र में लगाया जाने वाला टीका सर्वाइकल कैंसर से बचाव में बेहद प्रभावी है। स्तन कैंसर की पहचान के लिए मैमोग्राम और सर्वाइकल कैंसर के लिए पैप स्मीयर, एचपीवी और वीआईए टेस्ट की सलाह दी गई, जिसे 25 से 65 वर्ष की महिलाओं को हर तीन साल में करवाना चाहिए।
कार्यक्रम का उद्घाटन मेडिकल सुपरिंटेंडेंट डॉ संदीप बंसल और कॉलेज की प्राचार्य डॉ गीतिका खन्ना ने किया। इस मौके पर एचओडी डॉ बिंदु बजाज, डॉ आर.पी. अरोड़ा, डॉ रेखा तिर्के, डॉ चारू और डॉ सारिथा शामसुंदर सहित कई वरिष्ठ डॉक्टर मौजूद रहे।
जागरूकता बढ़ाने के लिए अस्पताल के छात्रों ने एक नुक्कड़ नाटक प्रस्तुत किया, जिसमें कैंसर की रोकथाम और स्क्रीनिंग के महत्व को रेखांकित किया गया। पोस्टर प्रतियोगिता के माध्यम से छात्रों ने कैंसर से बचाव के उपायों को उजागर किया।
वहीं, कैंसर सर्वाइवर्स ने अपने अनुभव साझा किए और बताया कि किस तरह जल्दी पहचान और सही इलाज से इस बीमारी को हराया जा सकता है। इस कार्यक्रम ने कैंसर के प्रति जागरूकता बढ़ाने और नियमित स्क्रीनिंग को अपनाने के महत्व को प्रभावी ढंग से प्रस्तुत किया।
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हिन्दुस्थान समाचार / विजयालक्ष्मी