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गोरखपुर, 4 फ़रवरी (हि.स.)। दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय के अंग्रेजी विभाग द्वारा प्रकाशित ‘साहित्य विमर्श’ मासिक पत्रिका के 15वें संस्करण का विमोचन आज माननीय कुलपति प्रो. पूनम टंडन के कर-कमलों द्वारा संपन्न हुआ। यह पत्रिका विभाग द्वारा नियमित रूप से प्रतिमाह प्रकाशित की जाती है और इसकी सबसे विशेष बात यह है कि इसका सम्पादन स्वयं छात्र-छात्राओं द्वारा किया जाता है।
अंग्रेजी विभागाध्यक्ष प्रो. अजय शुक्ल ने बताया कि अब तक 45 से अधिक विद्यार्थियों ने इस पत्रिका के विभिन्न अंकों के संपादन में योगदान दिया है। इस 15वें संस्करण में ‘महाकुंभ’ को थीम के रूप में लिया गया है और इसका आवरण पृष्ठ भी महाकुंभ पर आधारित है। पत्रिका में महाकुंभ से संबंधित लेखों और कविताओं को भी स्थान दिया गया है। इसके अलावा, जनवरी माह में जन्मे प्रमुख साहित्यकारों के बारे में भी महत्वपूर्ण जानकारी दी गई है।
इस संस्करण के संपादक मंडल में विशाखा दीक्षित, श्रेया पांडेय, सौरव कुमार, और हर्षिता तिवारी जैसे शोधार्थियों ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
विमोचन समारोह के दौरान माननीय कुलपति प्रो. पूनम टंडन ने कहा कि इस प्रकार की रचनात्मक गतिविधियाँ विद्यार्थियों के साहित्यिक विकास में सहायक होती हैं। उन्होंने पत्रिका के सतत प्रकाशन की सराहना करते हुए कहा कि ‘साहित्य विमर्श’ विभागीय स्तर पर विद्यार्थियों के लिए एक प्रेरणादायक मंच है और इसकी निरंतरता बनी रहनी चाहिए।
इस अवसर पर प्रो. अजय शुक्ल ने भी विद्यार्थियों के प्रयासों की सराहना करते हुए कहा कि साहित्य विमर्श न केवल रचनात्मकता का मंच है, बल्कि यह छात्रों में नेतृत्व क्षमता, अनुसंधान प्रवृत्ति और साहित्यिक अभिरुचि को भी विकसित करता है। यह पत्रिका विभागीय गतिविधियों का प्रतिबिंब है और हमें गर्व है कि हमारे छात्र इसे निरंतर प्रकाशित कर रहे हैं। इस अवसर पर शोधार्थी मुक्तेश , ऋचा के अतिरिक्त विशाल मिश्रा भी उपस्थित रहे।
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हिन्दुस्थान समाचार / प्रिंस पाण्डेय