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जबलपुर, 4 फरवरी (हि.स.)। मां नर्मदा के प्रकट उत्सव को लेकर मध्य रात्रि 12:00 बजे जबलपुर के गौरी घाट स्थित तट पर लोगों ने जमकर आतिशबाजी की और यह आतिशबाजी उस समय हुई जब पूरी प्रशासनिक व्यवस्था वहीं मौजूद थी। जबकि एक दिन पहले ही कलेक्टर के आदेश पर एसडीएम ने घाट पर नौकायन एवं आतिशबाजी प्रतिबन्धित की थी। उसके बावजूद लोगों ने इस बात का खुलकर उल्लंघन किया। इतना ही नहीं घाट पर प्रशासनिक व्यवस्था चाक चौबंद थी। पर्यावरण संरक्षण को देखते हुए पहले ही एनजीटी ने कई दिशा निर्देश जारी किए हैं परंतु वह भी ताक पर रख दिए गए। मध्य रात्रि लोगों ने घाट पर ही जमकर आतिशबाजी करने के साथ बड़े-बड़े केक काटे।
नगर पंडित सभा के पंडित देवेंद्र शास्त्री, लोकेश दुबे, आशीष दुबे आदि ने इस पाश्चात्य संस्कृति पर आपत्ति जताई है। उनका कहना है कि सनातन परंपरा में ऐसा नहीं होना चाहिए। केक काटने की परंपरा क्रिश्चियन पद्धति में है, भारतीय परंपरा में भोग प्रसाद समर्पित किया जाता है । बहरहाल जो भी हो परंतु नियम तोड़ने वालों को लेकर प्रशासन की चुप्पी कई सवाल खड़े कर रही है।
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हिन्दुस्थान समाचार / विलोक पाठक