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चंडीगढ़, 22 फरवरी (हि.स.)। मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान ने स्पष्ट शब्दों में कहा कि पंजाब के पास किसी अन्य राज्य के साथ साझा करने के लिए पानी की एक भी बूंद नहीं है और सतलुज यमुना लिंक (एसवाईएल) नहर कभी हकीकत में नहीं बदलेगी। उन्होंने कहा कि पंजाब सरकार राज्य के हितों की रक्षा के लिए पूरी तरह से प्रतिबद्ध है।
मुख्यमंत्री मान शनिवार को भवानीगढ़ में नव निर्मित एस.डी.एम. कॉम्पलेक्स को समर्पित करने के मौके पर पत्रकारों से बातचीत कर रहे थे। उन्हाेंने यह बात दोहराई कि पंजाब के पास किसी अन्य राज्य के साथ साझा करने के लिए कोई अतिरिक्त पानी नहीं है और किसी के साथ एक भी बूंद पानी साझा करने का सवाल ही नहीं उठता।
उन्होंने कहा कि अंतरराष्ट्रीय नियमों के अनुसार राज्य में पानी की उपलब्धता का पुनर्मूल्यांकन करना जरूरी है। भगवंत सिंह मान ने कहा कि उन्होंने हाल ही में रावी-ब्यास ट्रिब्यूनल, जो कि रावी जल प्रणाली से संबंधित स्थानों पर जाने के लिए राज्य के दौरे पर हैं, को भी अपील की है कि वह नए सिरे से पुनर्मूल्यांकन करके राज्य के लोगों को न्याय दिलाए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य के अधिकांश ब्लॉकों का पानी का स्तर बहुत नीचे चला गया है और धरती के नीचे के पानी की स्थिति बहुत गंभीर है। उन्होंने कहा कि क्योंकि राज्य के अधिकांश नदियों के स्रोत सूख गए हैं, इसलिए इसे अपनी सिंचाई जरूरतों को पूरा करने के लिए और पानी की जरूरत है। हालांकि, भगवंत मान ने कहा कि गंभीर
स्थिति हाेने और राज्य में पानी की कमी के बावजूद अन्न उत्पादकों को सिंचाई के लिए पानी दिया जा रहा है।
उन्होंने कहा कि ऐसी स्थिति में किसी अन्य राज्य के साथ पानी की एक भी बूंद साझा करने का सवाल ही नहीं उठता।
एक सवाल के जवाब में मुख्यमंत्री ने केंद्रीय राज्य मंत्री रवनीत सिंह बिट्टू पर चुटकी लेते हुए कहा कि चुनावों में खारिज हुए नेताओं को लोग कभी भी मुंह नहीं लगाएंगे। उन्होंने कहा कि बिट्टू अपने हथकंडों से मुख्यमंत्री के सरकारी निवास पर कब्जा करने के सपने देखता है, पर इससे उसके हाथ कुछ नहीं आएगा, क्योंकि यह सही मायने में आम लोगों का घर है, जो यहां अपनी पसंद के नेताओं को चुनकर भेजते हैं।
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हिन्दुस्थान समाचार / संजीव शर्मा