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हरिद्वार, 22 फरवरी (हि.स.)। मास्को रूस से एक दस सदस्यीय दल शांतिकुंज पहुंचा। इस दल में उच्च प्रशिक्षित व आईटी प्रोफेशनल्स शामिल हैं और सभी युवा हैं। वे महाकुंभ प्रयागराज दर्शन स्नान के बाद गायत्री तीर्थ आये हैं। उन्होंने यहां गायत्री के लघु अनुष्ठान सम्पन्न किया और गायत्री महायज्ञ एवं साधना में पूरी श्रद्धा से भाग लिया। उनके लिए यह यात्रा एक सीख और आध्यात्मिक अनुभव का अवसर बन रही है।
अपने शांतिकुंज प्रवास के दौरान रशियन दल ने देवसंस्कृति विवि के प्रतिकुलपति डॉ. चिन्मय पण्ड्या से भेंट की और गायत्री साधना, उपासना से संबंधित अपनी जिज्ञासाओं का समाधान पाया। इस अवसर पर युवा आइकान ने साधना से सिद्धि सहित विभिन्न विषयों पर रशियन दल का मार्गदर्शन किया। सभी को युगऋषि पं. श्रीराम शर्मा आचार्य द्वारा रचित युग साहित्य आदि भेंट कर सम्मानित किया।
गौरतलब है कि अखिल विश्व गायत्री परिवार प्रमुख डॉ. प्रणव पण्ड्या एवं देवसंस्कृति विवि के प्रतिकुलपति डॉ. चिन्मय पण्ड्या के रूस यात्रा के दौरान इन लोगों ने गायत्री साधना के प्रति अपनी जिज्ञासाओं को प्रकट किया था। तब उन्हें शांतिकुंज आने का आमंत्रण दिया गया था। यह यात्रा और साधना का सिलसिला धार्मिक और आध्यात्मिक दृष्टिकोण से बहुत महत्वपूर्ण है।
शांतिकुंज के विदेश विभाग ने बताया कि इससे पहले भी वर्षों से रशियन, अमेरिका, दक्षिण अफ्रीका सहित विभिन्न देशों के साधक गायत्री साधना करने शांतिकुंज आते रहे हैं। शांतिकुंज का यह वातावरण साधकों को मानसिक शांति, सकारात्मक ऊर्जा और आध्यात्मिक विकास की दिशा में बहुत ही सहायता प्रदान करता है। वे सभी साधना के अनेक चमत्कारिक लाभ से अभिभूत भी हुए हैं।
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हिन्दुस्थान समाचार / डॉ.रजनीकांत शुक्ला