Enter your Email Address to subscribe to our newsletters
देहरादून, 22 फरवरी (हि.स.)। राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल (से.नि.) गुरमीत सिंह ने सरदार भगवान सिंह विश्वविद्यालय (एसबीएसयू), देहरादून के प्रथम दीक्षांत समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में भाग लिया। उन्होंने स्नातकों को डिग्री और मेडल प्रदान किए तथा विश्वविद्यालय के विभिन्न प्रकाशनों का विमोचन किया।
राज्यपाल ने विद्यार्थियों को शुभकामनाएं देते हुए कहा कि वे एक ऐसे समय में अपने करियर की नई यात्रा शुरू कर रहे हैं, जब भारत विकसित राष्ट्र बनने की दिशा में अग्रसर है। उन्होंने इस लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए हर क्षेत्र में उत्कृष्टता हासिल करने की आवश्यकता पर बल दिया और कहा कि देश की प्रगति में युवाओं की महत्वपूर्ण भूमिका होगी।
राज्यपाल ने तकनीकी विकास और स्टार्टअप क्रांति को समय की मांग बताया। उन्होंने कहा कि वर्तमान युग क्वांटम कंप्यूटिंग, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और मशीन लर्निंग का है, जहां भारत तेजी से आगे बढ़ रहा है। विद्यार्थियों को प्रेरित करते हुए उन्होंने कहा कि वे केवल नौकरी की तलाश तक सीमित न रहें, बल्कि अपने कौशल, रचनात्मक सोच और परिश्रम से स्टार्टअप शुरू कर सफल उद्यमी बनें।
उन्होंने कहा कि युवा पीढ़ी में असीम संभावनाएं हैं और यदि वे आत्मनिर्भरता और नवाचार को अपनाएं तो न केवल अपने लिए, बल्कि समाज और राष्ट्र के लिए भी नए अवसरों का सृजन कर सकते हैं। राज्यपाल ने डिग्री धारकों को बड़े सपने देखने, उच्च लक्ष्य निर्धारित करने और कठिन परिश्रम से उन्हें साकार करने के लिए प्रेरित किया। उन्होंने विद्यार्थियों से आजीवन सीखने और अपने क्षेत्रों में सार्थक योगदान देने का आग्रह किया।
उच्च शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने विशेष अतिथि के रूप में प्रतिभाग किया और डिग्री धारकों को बधाई व भविष्य के लिए शुभकामनाएं दी। एसबीएसयू के कुलपति प्रो. जे. कुमार ने विश्वविद्यालय की वार्षिक रिपोर्ट प्रस्तुत की। एसबीएसयू के अध्यक्ष डॉ. गौरव दीप सिंह ने स्नातकों को बधाई देते हुए कहा कि यह दीक्षांत समारोह न केवल वर्षों की कड़ी मेहनत का परिणाम है, बल्कि एक नई यात्रा की शुरूआत का प्रतीक है।
इस कार्यक्रम में गौरव भारती शिक्षा संस्थान के अध्यक्ष एसपी सिंह, हरिंदर पाल कौर, कर्नल इंदर सिंह भिंडर व छात्र-छात्राएं मौजूद रहे। एसबीएसयू के रजिस्ट्रार डॉ. दीपक साहनी ने समारोह का संचालन किया।
हिन्दुस्थान समाचार / Vinod Pokhriyal