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पूर्वी चंपारण,22 फरवरी (हि.स.)। जिला के रहने वाले सुप्रसिद्ध सैंड आर्टिस्ट मधुरेन्द्र कुमार को अंग, जन, गण, अंग मदद फाउंडेशन एवं अंगिका विकास फाऊंडेशन के संयुक्त तत्वावधान में विश्व मातृभाषा दिवस के अवसर पर अंग प्रदेश भागलपुर के साहित्यिक विरासत के रूप चर्चित भगवान पुस्तकालय सभागार में दानवीर कर्ण पुरस्कार दिया गया।
यह पुरस्कार उन्हे रेत कला के क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान के लिए दिया गया। मधुरेंद्र कुमार को यह पुरस्कार आईआईटी रुड़की के प्राध्यापक विजय नारायण, महात्मा गांधी अंतरराष्ट्रीय केंद्रीय हिंदी विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति प्रो मनोज कुमार ने संयुक्त रूप से अंगवस्त्र और प्रशस्ति पत्र देकर किया। उल्लेखनीय है,कि सैंड आर्टिस्ट मधुरेंद्र अभी तक अंतर्राष्ट्रीय सैंड आर्ट फेस्टिवल अवॉर्ड, वैश्विक शान्ति सम्मान, अंतर्राष्ट्रीय बौद्ध महोत्सव सम्मान, अंतर्राष्ट्रीय राजगीर महोत्सव सम्मान, राष्ट्रपति कलाम यूथ अवॉर्ड, भारत नेपाल मैत्री सम्मान, बिहार गौरव, तिलका मांझी सम्मान, चम्पारण रत्न, यूथ आईकॉन, आम्रपाली सम्मान, वैशाली गणराज्य, मगध रत्न, शाहिद सम्मान, चंपारण गौरव अवार्ड, अमृत पुरुष अमरेंद्र सम्मान, सहित सैकड़ों अवार्ड हासिल कर चुके हैं।सम्मान समारोह के दौरान मौके पर जनसत्ता के मुख्य संपादक प्रसून लतांत, शिक्षाविद रत्न मंडल, डॉ शंभू दयाल खेतान, अमृत पुरूष अमरेंद्र, समाजसेवी सच्चिदानंद साह, अंग मदद फाउंडेशन के सचिव वंदना झा समेत साहित्य जगत के कई विद्वान, लेखक, समीक्षक व अनेक कवि मौजूद रहे।
हिन्दुस्थान समाचार / आनंद कुमार