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महाकुम्भनगर, 22 फरवरी (हि.स.)। तमिलनाडु के राज्यपाल आरएन रवि ने शनिवार को महाकुम्भ में पुण्य संगम में स्नान कर महापर्व का हिस्सा बने। उन्होंने कहा कि यह दिव्य और भव्य महाकुम्भ सनातन संस्कृति की जीवंत अभिव्यक्ति है, जो भारत की अखंडता, आध्यात्मिकता और सांस्कृतिक गौरव को दर्शाता है। इस ऐतिहासिक पर्व में अब तक लगभग 60 करोड़ से अधिक श्रद्धालु आस्था की डुबकी लगा चुके हैं, जो 'एक भारत, श्रेष्ठ भारत' के संकल्प को सुदृढ़ करता है।
राज्यपाल आरएन रवि ने महाकुम्भ में भाग लेकर तमिलनाडु के भाई-बहनों की सुख-समृद्धि, शांति और उन्नति के लिए विशेष प्रार्थना की। उन्होंने कहा कि भारत की आत्मा इसकी सनातन संस्कृति में बसती है। यह महाकुम्भ उस अखंड सनातन परंपरा का प्रतीक है, जो हमें एक-दूसरे से जोड़ती है और हमें अपने सांस्कृतिक मूल्यों की याद दिलाती है।
राज्यपाल ने कहा कि महाकुम्भ केवल एक धार्मिक आयोजन नहीं, बल्कि भारत के आध्यात्मिक और सांस्कृतिक पुनर्जागरण का केंद्र है। उन्होंने कहा कि यह पर्व भारत की गहराई से जुड़ी आध्यात्मिक चेतना को प्रकट करता है, जहां करोड़ों लोग एक ही लक्ष्य–आत्मिक शुद्धि और विश्व कल्याण के लिए संगम तट पर एकत्र होते हैं।
हिन्दुस्थान समाचार / बृजनंदन