Enter your Email Address to subscribe to our newsletters
कोलकाता, 17 फरवरी (हि.स.) । पश्चिम बंगाल में एक बार फिर गुलेन बारि सिंड्रोम (जीबीएस) के कारण मौत का मामला सामने आया है। आर.जी. कर मेडिकल कॉलेज के पूर्व छात्र खैरुल शेख की उसी अस्पताल में मौत हो गई। शनिवार को डॉक्टरों के अनुसार, उनकी मृत्यु हृदय रोग के कारण हुई, जो गुलेन बारि सिंड्रोम का ही एक परिणाम था। राज्य में इस दुर्लभ न्यूरोलॉजिकल बीमारी के कारण यह दूसरी मौत बताई जा रही है।
मृतक की पहचान 22 वर्षीय खैरुल शेख के रूप में हुई है, जो मुर्शिदाबाद जिले के सूती थाना क्षेत्र के निवासी थे। खैरुल आर.जी. कर मेडिकल कॉलेज के पैरा-मेडिकल विभाग के छात्र रह चुके थे। पढ़ाई पूरी करने के बाद वे अपने गांव लौट गए थे और फिर बिहार के पूर्णिया स्थित एक निजी अस्पताल में नौकरी कर रहे थे। वहीं काम के दौरान उनकी तबीयत खराब हो गई।
कुछ दिन पहले खैरुल को बुखार आया, जिसके बाद उनके शरीर के निचले हिस्से ने काम करना बंद कर दिया। स्थानीय डॉक्टरों से इलाज कराने के बावजूद कोई सुधार नहीं हुआ।
15 फरवरी को परिजन खैरुल को कोलकाता के आर.जी. कर मेडिकल कॉलेज लेकर पहुंचे, जहां उन्हें मेल मेडिसिन विभाग में भर्ती किया गया। हालत बिगड़ने पर उन्हें क्रिटिकल केयर यूनिट में शिफ्ट किया गया, लेकिन शुक्रवार दोपहर करीब 2:30 बजे उनकी मौत हो गई। डॉक्टरों का कहना है कि वे गुलेन बारि सिंड्रोम से ग्रसित थे और उसी के कारण उन्हें हृदय रोग हुआ, जिससे उनकी जान चली गई।
मृतक की भाभी आसमा खातून ने बताया, आर.जी. कर मेडिकल कॉलेज से पैरा-मेडिकल की पढ़ाई पूरी करने के बाद खैरुल पूर्णिया के एक निजी अस्पताल में नौकरी कर रहे थे। वहीं उन्हें यह बीमारी हुई और उनकी हालत लगातार बिगड़ती गई। पहले आईसीयू में रखा गया और फिर आर.जी. कर अस्पताल लाया गया, लेकिन उन्हें बचाया नहीं जा सका।परिवार ने भी दावा किया है कि खैरुल की मौत गुलेन बारि सिंड्रोम के कारण ही हुई है।
हिन्दुस्थान समाचार / ओम पराशर