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देहरादून, 22 फरवरी (हि.स.)। उत्तराखंड विधानसभा सत्र के चौथे दिन संसदीय कार्य मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल की पहाड़ को लेकर की गई टिप्पणी एक बार फिर चर्चा में रही। बढ़ते विवाद के बीच अग्रवाल ने सदन में माफी मांगते हुए खेद प्रकट किया।
प्रेमचंद अग्रवाल ने कहा कि उत्तराखंड में रहने वाले सभी लोग उनका परिवार हैं और परिवार के लोगों के समक्ष अनजाने में कही गई बात के लिए खेद जताने में उन्हें कोई संकोच नहीं है। उन्होंने आरोप लगाया कि उनकी बात को तोड़-मरोड़कर पेश किया जा रहा है।
संसदीय कार्य मंत्री ने कहा कि मेरे बयान को कुछ लोग ग़लत तरीक़े से तोड़ मरोड़ कर पेश कर रहे हैं। मैंने कहा था कि सारे उत्तराखंड में देश के सभी हिस्सों के लोग रहते हैं। हम सभी उत्तराखंड के हैं और उत्तराखंड हमारा है। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड हमारे हृदय में समाया है। मैंने सारे उत्तराखंड की बात की थी। कहा कि मेरा उद्देश्य और कथन का आशय यह था कि उत्तराखंड एक गुलदस्ता है, जिसमें हर तरह के रंग बिरंगे फूल इसकी खूबसूरती हैं। मेरे बयान को ग़लत तरीक़े से पेश किया गया।
उन्होंने कहा कि मेरी बात से कई लोगों की भावनाएं आहत हो गई हैं, ऐसा मुझे महसूस हो रहा है। मेरी वजह से किसी को पीड़ा पहुंचे, यह मेरा स्वभाव नहीं है। इसलिए जाने अनजाने जिस किसी को भी पीड़ा पहुंचीं हैं, उसके लिए मैं हृदय से खेद व्यक्त करता हूं। उन्होंने कहा कि हम सब एक परिवार हैं और परिवार में छोटों का स्नेह और बड़ों का आशीर्वाद मेरे ऊपर बने रहना चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि परिवार के सदस्यों के सामने खेद प्रकट करने में उन्हें कोई संकोच नहीं है।
हिन्दुस्थान समाचार / Vinod Pokhriyal