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सांस्कृतिक संध्या में पंजाबी गायक जसबीर जस्सी ने सूरजकुंड मेला में जमाया रंग
फरीदाबाद, 22 फरवरी (हि.स.)। 38 वें अंतरराष्ट्रीय शिल्प मेला में शुकवार की रात को महा स्टेज से कोका तेरा कुछ-कुछ कहंदा.. नी कोका...दिल ले गई कुड़ी गुजरात दी, लोंग दा लश्कारा, चन्ना वे घर आ जा वे... जैसे मस्ती भरे पंजाबी गीतों से गायक जसबीर जस्सी ने सूरजकुंड मेला परिसर में खूब रंग जमाया। कला एवं सांस्कृतिक विभाग और पर्यटन निगम हरियाणा के संयुक्त तत्वावधान में मेला परिसर की महा स्टेज पर आयोजित सांस्कृतिक संध्या में पंजाबी गीतों पर देर रात तक दर्शक झूमते रहे। कलाकारों के उत्साहवर्धन के लिए मेला प्राधिकरण की वाइस चेयरपर्सन एवं पर्यटन निगम की प्रधान सचिव कला रामचंद्रन, एमडी डा.सुनील कुमार व जीएम आशुतोष राजन सांस्कृतिक कार्यक्रम में पहुंचे और दुनिया भर से आए पर्यटकों का अभिनंदन किया। सांस्कृतिक मंच से अपनी प्रस्तुति देते हुए प्रसिद्ध पंजाबी गायक जसबीर जस्सी ने हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी और पर्यटन मंत्री डा. अरविंद कुमार शर्मा सहित मेला प्राधिकरण की पूरी टीम का सूरजकुंड मेला में आमंत्रित करने पर आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि विश्व विख्यात सूरजकुंड अंतरराष्ट्रीय शिल्प मेला शिल्प के साथ-साथ सांस्कृतिक कार्यक्रमों के लिए भी पहचान बनता जा रहा है। जस्सी ने बाल्यकाल में संस्कारों पर जोर देते हुए सूफीयाना गायकी से अपनी शुरुआत की। बुल्ले शाह के कलाम तेरे इश्क नचाया कर थैया-थैया, आओ नी सैंयो रल दे ओ नी बधाई, ते मैं वर पाया रांझण माही, अमीर खुसरो के छाप तिलक सब छीनी रे मो से नैना मिलाई के..से धमकेदार शुरूआत करते हुए जस्सी ने पंजाबी गीतों से दर्शकों का ऐसा मनोरंजन किया कि दर्शक अपने आपको झूमने से रोक नहीं पाए। उनके द्वारा गाए चन्नु दा जवानी विच पैर पै गया.., बल्ले-बल्ले नी टोर पंजाबन दी, एक गेड़ा गिद्दे विच होर नी कुडिय़े, मैं जट यमला पगला दीवाना आदि गीतों से मेला परिसर झूम उठा। जसबीर जस्सी ने हिंदी और हरियाणवी गीतों से भी दर्शकों का मनोरंजन किया। इस अवसर पर पर्यटन निगम के एजीएम हरविंद्र सिंह, एजीएम राजपाल सिंह, सहित अन्य अधिकारीगण और काफी संख्या में दर्शकों ने सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आनंद लिया।
हिन्दुस्थान समाचार / -मनोज तोमर