स्वच्छता सिर्फ शारीरिक नहीं, मानसिक और आत्मिक स्वास्थ्य के लिए भी आवश्यक : स्वामी चिदानन्द
महाकुम्भ नगर, 22 फरवरी (हि.स.)। ‘स्वच्छता न केवल शारीरिक, बल्कि मानसिक और आत्मिक स्वास्थ्य के लिए भी आवश्यक है। हमें स्वच्छता के प्रति अपनी जिम्मेदारी को समझते हुए इसे अपने जीवन में अपनाना होगा। यह बात शनिवार को प्रयागराज महाकुम्भ के परमार्थ निकेतन श
स्वच्छता न केवल शारीरिक ​बल्कि मानसिक और आत्मिक स्वस्थ के लिए भी आवश्यक: स्वामी चिदानन्द सरस्वती


महाकुम्भ नगर, 22 फरवरी (हि.स.)। ‘स्वच्छता न केवल शारीरिक, बल्कि मानसिक और आत्मिक स्वास्थ्य के लिए भी आवश्यक है। हमें स्वच्छता के प्रति अपनी जिम्मेदारी को समझते हुए इसे अपने जीवन में अपनाना होगा। यह बात शनिवार को प्रयागराज महाकुम्भ के परमार्थ निकेतन शिविर में आयोजित स्वच्छता कार्यशाला के शुभारम्भ के मौके पर स्वामी चिदानन्द सरस्वती ने कही।

उन्होंने कहा कि महाकुम्भ के दौरान स्वच्छता का विशेष ध्यान रखें। कार्यशाला में यह संदेश दिया गया कि स्वच्छता केवल व्यक्तिगत जिम्मेदारी नहीं, बल्कि समाज और राष्ट्र के लिए भी बेहद महत्वपूर्ण है। ग्लोबल इंटरफेथ वाश एलायंस और डेटाॅल के सहयोग से इस कार्यशाला के दौरान श्रद्धालुओं को स्वच्छता के प्रति जागरूक करने के लिए विभिन्न गतिविधियां और प्रशिक्षण सत्र आयोजित किया गया।

इस मौके पर साध्वी भगवती सरस्वती ने कहा, स्वच्छता एक साधना है जो हमें न केवल अपने आसपास का वातावरण स्वच्छ रखने में मदद करती है, बल्कि यह हमारे जीवन को भी अधिक समृद्ध और शुद्ध बनाती है। इस कार्यशाला के दौरान महाकुम्भ मेला क्षेत्र में डेटाॅल साबुन वितरित किए गए, ताकि श्रद्धालु स्वच्छता के प्रति जागरूक हों और इसका पालन करें। महाकुम्भ क्षेत्र में यह साबुन श्रद्धालुओं को मुफ्त में दिए जा रहे हैं और उन्हें बताया जा रहा है कि नदियों में स्नान के दौरान साबुन का उपयोग न करे। इस अभियान का उद्देश्य केवल महाकुम्भ तक सीमित नहीं है, बल्कि यह देशभर में स्वच्छता की संस्कृति को बढ़ावा देने के लिए है।

स्वच्छता कार्यशाला में दुनिया भर से आए श्रद्धालुओं ने भाग लिया और वे इस अभियान के प्रति अपना समर्थन देने के लिए उत्साहित नजर आए। कार्यशाला के अंत में, सभी श्रद्धालुओं ने बनेगा स्वस्थ इंडिया के संकल्प को लेकर शपथ ली कि वे न केवल स्वयं स्वच्छता का पालन करेंगे, बल्कि दूसरों को भी इसके महत्व के बारे में बताएंगे।

इस पहल के तहत, स्वच्छता के साथ-साथ पर्यावरण संरक्षण, जल पुनर्चक्रण और कचरा प्रबंधन जैसे महत्वपूर्ण पहलुओं पर भी ध्यान केंद्रित किया गया। परमार्थ निकेतन आश्रम के इस प्रयास से महाकुम्भ मेले में आने वाले लाखों श्रद्धालुओं को स्वच्छता के महत्व का अहसास हो रहा है, और यह कदम 'स्वच्छ मेला, स्वस्थ हम' के दृष्टिकोण को साकार करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।

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हिन्दुस्थान समाचार / रामबहादुर पाल