बस्तर राजपरिवार के आशीर्वाद समारोह में मुख्यमंत्री साय व उप मुख्यमंत्री विजय शर्मा हाेंगे शामिल
जगदलपुर, 22 फ़रवरी (हि.स.)। बस्तर राजमहल में चल रही शाही विवाह के तहत मध्यप्रदेश के किला नागौद गई बारात की वापसी शाही अंदाज में शुक्रवार रात में राजमहल पहुंची। बारात में गए सभी लोग स्पाइस जेट के विशेष विमान से लौटे वहीं राजपरिवार के सदस्य कमलचंद्र भं
मुख्यमंत्री व उप मुख्यमंत्री शामिल हाेंगे


शाही विवाह के बारात की वापसी शाही अंदाज में


जगदलपुर, 22 फ़रवरी (हि.स.)। बस्तर राजमहल में चल रही शाही विवाह के तहत मध्यप्रदेश के किला नागौद गई बारात की वापसी शाही अंदाज में शुक्रवार रात में राजमहल पहुंची। बारात में गए सभी लोग स्पाइस जेट के विशेष विमान से लौटे वहीं राजपरिवार के सदस्य कमलचंद्र भंजदेव अपनी दुल्हन भुवनेश्वरी कुमारी को चार्टड प्लेन से लेकर आए। उसके बाद कमलचंद्र भंजदेव अपनी दुल्हन भुवनेश्वरी कुमारी के साथ बग्गी में सवार हुए, वहीं उनके आगे हाथी-घोड़े और ऊंट चल रहे थे। इस दाैरान पारंपरिक गौर सिंग नतृक दल चल रहे थे। राजमहल पहुंचने पर पारंपरिक तरीके से दुल्हा-दुल्हन का स्वागत किया गया। सिंह द्वार पर राजपरिवार की शाही विवाह काे देखने के लिए बड़ी संख्या में शहरवासी मौजूद थे। राजपरिवार के शाही विवाह के बाद आज राजबाड़ा में शाही आशीर्वाद समारोह की तैयारी की गई। वर-वधु को अपनी शुभकामनाएं देने के लिए शहर के गणमान्य के साथ ही देश-प्रदेश के वीआईपी जगदलपुर पहुंच रहे हैं। कमलचंद्र भंजदेव व दुल्हन भुवनेश्वरी कुमारी को आशीर्वाद देने आज शनिवार काे छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय एवं उप मुख्यमंत्री विजय शर्मा भीआशीर्वाद समारोह में शामिल हाेने आ रहे हैं।

उल्लेखनीय है कि मध्यप्रदेश के किला नागौद में गुरुवार को शाही अंदाज में राजपरिवार के सदस्य कमलचंद्र भंजदेव का भुवनेश्वरी कुमारी के साथ शाही विवाह संपन्न हुई। इस शाही विवाह में बाराती के रूप में बस्तर सांसद महेश कश्यप और महापौर संजय पांडेय के अलावा बस्तर से गए 200 से ज्यादा बाराती मौजूद रहे। सभी लोगों का वहां पर राजपरिवार ने शाही स्वागत किया। सभी को नागौद के खास व्यंजन परोसे गए। विवाह से लौटे महापौर संजय पांडेय ने एयरपोर्ट में मीडिया को बताया कि शादी यादगार रही। वहां पर हुआ स्वागत - सत्कार बेहद खास रहा। शाही शादी का कार्यक्रम नागौद किले में भी चार दिन चला। गणेश पूजन, मंगल गीत, मंडप कुल देवों का पूजन, विवाह के दिन द्वारपूजन एवं फेरे और विदाई परछन हिंदू रीति रिवाज अनुसार हुए। जिसके बाद 21 फरवरी सुबह 11 बजे राजकुमारी भुवनेश्वरी देवी की विदाई हुई, पूरा परिवार राजशाही पोशाक में रहा।

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हिन्दुस्थान समाचार / राकेश पांडे