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नई दिल्ली, 22 फरवरी (हि.स.)। केंद्र सरकार के उपभोक्ता मामलों के विभाग (डीओसीए) ने शिक्षा क्षेत्र में 600 से अधिक उम्मीदवारों और छात्रों के लिए ₹1.56 करोड़ की राशि का रिफंड सफलतापूर्वक प्राप्त किया है। सिविल सेवा, इंजीनियरिंग कोर्स और अन्य कार्यक्रमों के लिए कोचिंग सेंटरों में नामांकित इन छात्रों को पहले कोचिंग संस्थानों द्वारा निर्धारित नियमों और शर्तों का पालन करने के बावजूद उचित रिफंड से वंचित किया गया था।
केंद्रीय उपभोक्ता मामले, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण मंत्रालय के अनुसार यह राहत छात्रों द्वारा राष्ट्रीय उपभोक्ता हेल्पलाइन (एनसीएच) के माध्यम से दर्ज की गई शिकायतों के माध्यम से संभव हुई, जिसने विवाद समाधान के लिए एक सुव्यवस्थित प्रक्रिया की सुविधा प्रदान की। विभाग द्वारा की गई त्वरित कार्रवाई ने छात्रों को अधूरी सेवाओं, देरी से कक्षाओं या रद्द किए गए पाठ्यक्रमों के लिए मुआवजा प्राप्त करने में मदद की है।
अपने निर्णायक निर्देश में उपभोक्ता मामलों के विभाग ने सभी कोचिंग सेंटरों को छात्र-केंद्रित दृष्टिकोण अपनाने का निर्देश दिया है, जिसमें छात्रों के वित्तीय हितों की रक्षा के लिए स्पष्ट, पारदर्शी रिफंड नीतियों को अनिवार्य किया गया है। विभाग ने यह भी स्पष्ट कर दिया है कि वैध रिफंड दावों को अस्वीकार करने की अन्यायपूर्ण प्रथा को अब बर्दाश्त नहीं किया जाएगा, शैक्षिक संस्थानों से उपभोक्ता अधिकारों को बनाए रखने का आग्रह किया है।
उपभोक्ता मामलों के विभाग ने अपने सक्रिय प्रयासों के माध्यम से शिकायत निवारण तंत्र को मजबूत करने और छात्रों को उनके उपभोक्ता अधिकारों के बारे में शिक्षित करने, अनुचित व्यवहार के मामले में कार्रवाई करने के लिए उन्हें सशक्त बनाने के लिए भी प्रतिबद्धता जताई है।
राष्ट्रीय उपभोक्ता हेल्पलाइन छात्रों और न्याय की तलाश में उम्मीदवारों को सशक्त बनाने में एक महत्वपूर्ण संसाधन साबित हुई है। इस प्लेटफॉर्म के माध्यम से व्यक्ति बिना किसी लंबी कानूनी लड़ाई के मुद्दों को हल करने में सक्षम थे, जिससे समय और ऊर्जा की बचत हुई और साथ ही निष्पक्ष परिणाम सुनिश्चित हुए। मुकदमेबाजी से पहले की अवस्था में शिकायतों का समाधान करके एनसीएच ने विवादों को बढ़ने से रोकने में मदद की है और औपचारिक कानूनी कार्यवाही के लिए एक प्रभावी और सुलभ विकल्प प्रदान किया है। यह सेवा विशेष रूप से छात्रों के लिए फायदेमंद साबित हुई है, जिनके पास अब अपने हितों की रक्षा करने के लिए एक भरोसेमंद रास्ता है।
इस पहल के हिस्से के रूप में डीओसीए छात्र अधिकारों की वकालत करना जारी रखता है और समान मुद्दों का सामना करने वाले सभी छात्रों को त्वरित समाधान के लिए राष्ट्रीय उपभोक्ता हेल्पलाइन प्लेटफॉर्म का उपयोग करने के लिए प्रोत्साहित करता है। विभाग कोचिंग सेंटरों से पारदर्शिता, जवाबदेही और छात्र-अनुकूल दृष्टिकोण सुनिश्चित करने के लिए निर्धारित दिशानिर्देशों का पालन करने का भी आग्रह करता है।
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हिन्दुस्थान समाचार / दधिबल यादव