हिसार पहुंची प्रस्तावित एडवोकेट अमेंडमेंट बिल के विवाद की आंच
बिल में है काफ़ी ख़ामियां, क़ानून मंत्री को लिखा पत्र प्रस्तावित एडवोकेट अमेंडमेंट बिल वापिस लेने की करेंगे मांगहिसार, 22 फरवरी (हि.स.)। प्रस्तावित एडवोकेट अमेंडमेंट बिल 2025 के खिलाफ जारी वकीलों के दिल्ली सहित अन्य राज्यों के विरोध-प्रदर्शन की आंच अ
चर्चा करते हिसार बार के एडवोकेट।


बिल में है काफ़ी ख़ामियां, क़ानून मंत्री को लिखा पत्र प्रस्तावित एडवोकेट अमेंडमेंट बिल वापिस लेने की करेंगे मांगहिसार, 22 फरवरी (हि.स.)। प्रस्तावित एडवोकेट अमेंडमेंट बिल 2025 के खिलाफ जारी वकीलों के दिल्ली सहित अन्य राज्यों के विरोध-प्रदर्शन की आंच अब हिसार तक पहुंच गई है। जिला बार एसोसिएशन के वकीलों ने भी इस बिल के खिलाफ अपनी नाराज़गी जाहिर की है। हिसार बार के पूर्व प्रधान एडवोकेट मोहित अरोड़ा, सुप्रीम कोर्ट के वकील कार्तिक संदल, एडवोकेट बजरंग इंदल, एडवोकेट विनोद गुरी और एडवोकेट अशोक खोखर ने इस मुद्दे पर अपनी राय रखी है। एडवोकेट मोहित अरोड़ा ने शनिवार को कहा कि यह बिल वकीलों की स्वतंत्रता और स्वायत्तता पर सीधा हमला है। इस बिल में काफ़ी ख़ामियां है। उन्होंने जोर देकर कहा कि प्रस्तावित धारा 4(1)(डी) जो केंद्र सरकार को बार काउंसिल ऑफ इंडिया में तीन सदस्य नामांकित करने की अनुमति देती है यह पूरी तरह से बीसीआई की लोकतांत्रिक संरचना के खिलाफ है। इस बारे में देश के कानून मंत्री को भी एक पत्र लिखकर इस विवादित बिल को वापिस लेने की मांग की जाएगी। हिसार बार के पूर्व प्रधान एडवोकेट मोहित अरोड़ा ने कहा कि बीसीआई एक स्वतंत्र और निर्वाचित निकाय है जो वकीलों के अधिकारों और हितों की रक्षा करती है। इस पर सरकारी नियंत्रण लोकतंत्र के मूल सिद्धांतों के विपरीत है। बिल में प्रस्तावित धारा 49बी के तहत केंद्र सरकार को बीसीआई को बाध्यकारी निर्देश जारी करने का अधिकार देना बीसीआई की स्वायत्तता को समाप्त करने जैसा है, वहीं प्रस्तावित धारा 24बी के अनुसार यदि कोई वकील तीन साल या अधिक की सजा पाएगा तो उसका नाम राज्य रोल से हटा दिया जाएगा। यह प्रावधान वकीलों के अधिकारों का उल्लंघन है। इसे संशोधित कर न्यूनतम सजा की अवधि सात साल की जानी चाहिए। सुप्रीम कोर्ट के वकील कार्तिक संदल, एडवोकेट बजरंग इंदल,एडवोकेट विनोद गुरी और एडवोकेट अशोक खोखर ने कहा कि यह बिल वकीलों के लिए अनुचित और पक्षपाती है। उन्होंने चेतावनी दी कि यदि सरकार ने इसे वापस नहीं लिया तो हिसार बार एसोसिएशन प्रदेश की अन्य बार और ख़ासकर दिल्ली की बार काउंसिल के साथ मिलकर आंदोलन को और तेज़ करेगी। इसके साथ एडवोकेट मोहित अरोड़ा ने कहा कि हिसार सहित पूरे हरियाणा की जिला बार एसोसिएशन में नई कार्यकारिणी के गठन के लिए चुनाव हो रहे है नहीं तो हिसार बार में हाउस कि बैठक बुलाकर इस पर सर्वसम्मति से फैसला कर आगामी बड़ी रणनीति घोषित करते।

हिन्दुस्थान समाचार / राजेश्वर