आंध्र प्रदेश के लाल मिर्च उत्पादकों को राहत देने के लिए आईसीएआर भेजेगा विशेषज्ञों का दल
नई दिल्ली, 21 फ़रवरी (हि.स.)। आंध्र प्रदेश के लाल मिर्च उत्पादक किसानों के हित में केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण और ग्रामीण विकास मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने गुरुवार को आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री एन चंद्रबाबू नायडू से वीडियो कांफ्रेंसिंग के बाद
कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान बैठक करते हुए


नई दिल्ली, 21 फ़रवरी (हि.स.)। आंध्र प्रदेश के लाल मिर्च उत्पादक किसानों के हित में केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण और ग्रामीण विकास मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने गुरुवार को आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री एन चंद्रबाबू नायडू से वीडियो कांफ्रेंसिंग के बाद शुक्रवार को कृषि भवन में एक समीक्षा बैठक बुलाई। इस बैठक में केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण की बाजार हस्तक्षेप योजना (एमआईएस) के कार्यान्वयन के लिए आंध्र प्रदेश सरकार के प्रस्ताव पर चर्चा हुई और विस्तृत विचार-विमर्श के बाद किसानों को राहत देने के लिए केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह ने वरिष्ठ अधिकारियों को दिशा-निर्देश दिए।

बैठक में यह भी तय किया गया कि आईसीएआर आंध्र प्रदेश में मिर्च के खेतों का दौरा करने के लिए एक विशेषज्ञ दल भेजेगा, जो कीट संक्रमण के कारण फसल को हुए नुकसान का अध्ययन करेगा तथा प्रभावी आईपीएम उपाय सुझाएगा। बैठक में केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री राममोहन नायडू तथा केंद्रीय कृषि सचिव देवेश चतुर्वेदी सहित केंद्र और राज्य सरकार के अधिकारी शामिल हुए।

उल्लेखनीय है कि आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू गुरुवार को कृषि भवन (नई दिल्ली) में आए थे, जिनसे केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान की वीडियो कांफ्रेंसिंग से बात हुई थी। गुरुवार को शिवराज सिंह मध्य प्रदेश में छतरपुर जिले में दूरस्थ स्थान पर पूर्व निर्धारित कायर्क्रम के लिए प्रवास पर थे। इस बैठक में वर्ष 2024-25 के सीजन के दौरान लाल मिर्च के उत्पादक किसानों को राहत देने के लिए केंद्रीय कृषि मंत्रालय की बाजार हस्तक्षेप योजना (एमआईएस) के कार्यान्वयन के संबंध में आंध्र प्रदेश सरकार के प्रस्ताव पर बैठक में चर्चा की गई। केंद्रीय कृषि सचिव ने विषय के बारे में विस्तार से बताया, जिस पर बैठक में उपस्थित वरिष्ठ अधिकारियों ने अपने-अपने मंत्रालयों की ओर से विचार व्यक्त किए तथा सुझाव देते हुए उपाय बताए। बैठक में मौजूद आंध्र प्रदेश के एक प्रगतिशील किसान ने बताया कि लाल मिर्च की फसल में फूल आने के समय कीट का प्रकोप होने की आशंका रहती है। किसानों को अपनी फसल को कीट से बचाने के लिए किए जाने वाले नियंत्रण के उपायों पर काफी खर्च करना पड़ता है, जिसके परिणामस्वरूप आंध्र प्रदेश में लाल मिर्च उत्पादन की लागत बढ़ जाती है, जिसके लिए उन्होंने ऐसे कीटों से किसानों को बचाने के लिए उपचारात्मक सुझाव दिया।

केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह ने दिशा-निर्देश देते हुए कहा कि आईसीएआर द्वारा आंध्र प्रदेश में लाल मिर्च के उत्पादन लागत की समीक्षा की जाए, तत्संबंधी रिपोर्ट केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण विभाग को उपलब्ध कराई जाए, ताकि 2024-25 सीजन के दौरान एमआईएस के तहत लाल मिर्च के मूल्य कमी भुगतान के कार्यान्वयन के लिए आंध्र प्रदेश सरकार को राज्य उत्पादन का 25 प्रतिशत अग्रिम राशि मंजूर की जा सके। शिवराज सिंह ने एमआईएस के तहत लाल मिर्च की कवरेज सीमा को उत्पादन के 25 प्रतिशत से बढ़ाने के संबंध में भी प्रस्ताव तैयार करने को कहा। इसके साथ ही, एमआईडीएच के क्लस्टर विकास कार्यक्रम के तहत प्रशिक्षण व क्षमता निर्माण कार्यक्रम आयोजित करने के निर्देश केंद्रीय कृषि मंत्री ने दिए। आंध्र प्रदेश से लाल मिर्च के निर्यात के अवसरों का पता लगाने के लिए वाणिज्य मंत्रालय, एपीडा व अन्य संबंधित विभागों के प्रतिनिधियों की भागीदारी के साथ मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में निर्यातकों की बैठक शीघ्र ही आयोजित की जाएगी।

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हिन्दुस्थान समाचार / विजयालक्ष्मी