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जम्मू, 21 फ़रवरी (हि.स.)। प्रयागराज में महाकुंभ के दौरान, शिक्षा संस्कृति उत्थान न्यास नई दिल्ली ने 10 जनवरी से 10 फरवरी तक ज्ञान महाकुंभ का आयोजन किया जिसमें 1 फरवरी को एक राष्ट्र, एक नाम: भारत शीर्षक से एक महत्वपूर्ण चर्चा हुई। चर्चा में इस बात पर प्रकाश डाला गया कि इंडिया शब्द औपनिवेशिक थोपा गया था जबकि भारत राष्ट्र की सांस्कृतिक, पारंपरिक और आध्यात्मिक सार को दर्शाता है।
इस दृष्टिकोण को आगे बढ़ाते हुए न्यास ने शुक्रवार को अंतर्राष्ट्रीय मातृभाषा दिवस (अंतर्राष्ट्रीय मातृभाषा दिवस) से एक राष्ट्रव्यापी मेगा हस्ताक्षर अभियान शुरू किया है। महीने भर चलने वाले इस अभियान का उद्देश्य पूरे देश से दस लाख हस्ताक्षर एकत्र करना है जिन्हें भारत नाम के अनन्य उपयोग की वकालत करने के लिए माननीय राष्ट्रपति को सौंपा जाएगा।
शिक्षा संस्कृति उत्थान न्यास के जम्मू केंद्र के प्रचार प्रसार और संजोजक डॉ. परदुमन सिंह ने घोषणा की कि जम्मू, कश्मीर और लद्दाख भी इस अभियान में भाग लेंगे जिसका लक्ष्य क्षेत्र से 50,000 हस्ताक्षर एकत्र करना है। स्वयंसेवक शैक्षणिक संस्थानों, सामाजिक और सांस्कृतिक संगठनों के साथ मिलकर समर्थन जुटाएंगे। एकत्र किए गए हस्ताक्षर दिल्ली में न्यास टीम को सौंपे जाएंगे।
इस अभियान को भारत के नाम के तहत राष्ट्रीय एकता को बढ़ावा देते हुए भारत की ऐतिहासिक और सांस्कृतिक पहचान को मजबूत करने की दिशा में एक कदम के रूप में देखा जा रहा है।
हिन्दुस्थान समाचार / राहुल शर्मा