सभी मनोरथ सिद्ध करने वाले हैं भगवान सिद्धेश्वर: रविन्द्र पुरी
-श्रद्धा के साथ मनाया गया श्री सिद्धेश्वर मंदिर कां वार्षिकोत्सव हरिद्वार, 21 फरवरी (हि.स.)। श्री सिद्धेश्वर मंदिर आश्रम का 35वां वार्षिकोत्सव श्रद्धा व उल्लास के साथ श्री पंचायती अखाड़ा महानिर्वाणी के सचिव और अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष श्रीमहंत रविन्द
कार्यक्रम के दौरान


-श्रद्धा के साथ मनाया गया श्री सिद्धेश्वर मंदिर कां वार्षिकोत्सव

हरिद्वार, 21 फरवरी (हि.स.)। श्री सिद्धेश्वर मंदिर आश्रम का 35वां वार्षिकोत्सव श्रद्धा व उल्लास के साथ श्री पंचायती अखाड़ा महानिर्वाणी के सचिव और अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष श्रीमहंत रविन्द्र पुरी महाराज के सानिध्य में मनाया गया। वार्षिकोत्सव पर भगवान सिद्धेश्वर का अभिषेक, पूजन व अखण्ड रामचरित मानस के पाठ का आयोजन हुआ व पूर्णाहुति के साथ विशाल भण्डार को आयोजन किया गया।

इस अवसर पर आयोजित संत समागम को सम्बोधित करते हुए अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष श्रीमहंत रविन्द्र पुरी महाराज ने कहा कि भगवान सिद्धेश्वर सभी की मनोकामनाओं को पूरा करने वाले हैं। इनका स्मरण, पूजन-अर्चन करने वाले के सभी पापों का क्षय हो जाता है। कहा कि एक बालिका को स्वप्न में दर्शन देकर भगवान शिव ने अपने यहां मौजूद होने की बात कही थी। बच्ची के कहने पर श्रीमहंत विनोद गिरि ऊर्फ हनुमान बाबा ने खुदाई करायी, जिसमें यह दिव्य शिवलिंग प्रकट हुआ। कहा कि यह भगवान शिव का चमत्कार ही है कि वर्ष में एक बार एक माह के लिए मां गंगा भगवान को स्नान कराने के लिए आती हैं। प्राकृतिक रूप से शिवलिंग अपने आप जल में डूब जाता है। उन्होंने भगवान सिद्धेश्वर से सभी के मंगल जीवन की कामना की।

मंदिर के श्रीमहंत विनोद गिरि ऊर्फ हनुमान बाबा ने मंदिर में आए सभी संतों का स्वागत करते हुए उनका सम्मान किया। कहा कि भगवान शिव के बिना सृष्टि की कल्पना भी नहीं की जा सकती है। इस समूचे कनखल क्षेत्र का तो कंकर-कंकर शिव रूप है। यही वह स्थान है जहां समस्त देवी-देवताओं की चरण धूलि राजा दक्ष के यज्ञ के समय पड़ी। उन्होंने इस स्थान पर निवास करने वालों को बड़भागी बताते हुए सभी के भगवान सिद्धेश्वर से कल्याण की कामना की। इसके पश्चात विशाल भण्डारे का आयोजन किया गया, जिसमें सैंकड़ों संतों, श्रद्धालुओं ने हिस्सा लिया। इस अवसर पर श्रीमहंत देवगिरि महाराज, श्रीमहंत कृष्णा गिरि महाराज, किशन पुरी महाराज आदि मौजूद रहे।

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हिन्दुस्थान समाचार / डॉ.रजनीकांत शुक्ला