कन्या गुरुकुल परिसर में मनाया गया अंतरराष्ट्रीय मातृभाषा दिवस
हरिद्वार, 21 फरवरी (हि.स.)। गुरुकुल कांगड़ी सम विश्वविद्यालय के प्रबंध अध्ययन संकाय व कन्या गुरुकुल परिसर के हिंदी विभाग में अंतरराष्ट्रीय मातृभाषा दिवस मनाया गया। विश्वविद्यालय की कुलपति प्रोफेसर हेमलता के. एवं कुलसचिव प्रो. सुनील कुमार ने सभी को अ
कार्यक्रम के दौरान


हरिद्वार, 21 फरवरी (हि.स.)। गुरुकुल कांगड़ी सम विश्वविद्यालय के प्रबंध अध्ययन संकाय व कन्या गुरुकुल परिसर के हिंदी विभाग में अंतरराष्ट्रीय मातृभाषा दिवस मनाया गया। विश्वविद्यालय की कुलपति प्रोफेसर हेमलता के. एवं कुलसचिव प्रो. सुनील कुमार ने सभी को अपनी मातृभाषा का व्यवहार करने के लिए संदेश व शुभकामनाएं देते हुए कहा कि हमारी मातृभाषाएं कहीं पीछे छूट रही है और समाप्त हो रही हैं, आवश्यकता है उसे सहेजने की। उन्होंने बहुभाषिकता पर जोर दिया और राष्ट्रीय शिक्षा नीति में मातृ भाषाओं में शिक्षा व्यवस्था दिए जाने की सराहना की।

प्रो. मुदिता अग्निहोत्री ने कहा कि हमारे पूर्वज जो पश्चिमी देशों में गए वह अपने साथ अपनी भाषा का संस्कार लेकर गए। वहां आने वाली पीढियां के लोग आज भी अवधी, तमिल, भोजपुरी का व्यवहार मातृभाषा के रूप में करते हैं। हमें अपनी बोली, भाषा में कुछ कहने में संकोच नहीं होना चाहिए। संस्कृत विभाग की प्राध्यापिका डॉ. शालिनी शर्मा ने संस्कृत भाषा को अपनाने पर जोर दिया तथा संस्कृत भाषा के विलुप्त होने की ओर बढ़ने पर चिंता व्यक्त की।

इस अवसर पर विभाग की छात्राओं द्वारा अपनी मातृभाषा में कविता वाचन, गीत, भाषण, पोस्टर आदि प्रस्तुत किए गए। मातृभाषा के माध्यम से प्रतिभा और क्षमता का विकास विषय आधारित इस कार्यक्रम में शोधार्थी रीना नौटियाल द्वारा गढ़वाली भाषा का गीत, शोभा ने मैथिली में सीता के जन्म व मिथिला की विवाह संस्कृति को बताया। एमए की छात्रा पूजा मिश्रा ने भोजपुरी भाषा में विवाह गीत सुनाया, वैष्णवी, सान्या अग्रवाल, खुशी सैनी और अर्शी ने मातृभाषा संबंधी पोस्टर प्रस्तुत किए तथा मातृभाषा दिवस मनाए जाने का इतिहास अपने भाषण में प्रस्तुत किया। आंचल, तमन्ना और प्रिया सक्सेना ने मातृभाषा संबंधी भावपूर्ण कविता का वाचन किया। तमन्ना ने हरियाणवी भाषा में लोकगीत गाया। हिंदी विभाग की सहायक अध्यापिका डॉ. निशा शर्मा ने अपनी मातृभाषा का व्यवहार घर के साथ-साथ अपने सगे संबंधियों से भी करने को प्रोत्साहित किया तथा सभी अतिथियों और छात्राओं को धन्यवाद ज्ञापन किया।

इस अवसर पर डॉ. हरप्रीत कौर ने पंजाबी तथा राजस्थानी भाषा में अपना वक्तव्य दिया। उन्होंने पंजाबी के मशहूर शायर शिवकुमार बटालवी का एक गीत सुनाया।

कार्यक्रम में हिन्दी विभाग के शोधार्थी वंदना, शकुन, अंजलि, शोभा, रीना तथा परास्नातक और स्नातक की छात्रों की सहभागिता रही। संचालन शगुनकांत और डॉ. हरप्रीत कौर ने किया।

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हिन्दुस्थान समाचार / डॉ.रजनीकांत शुक्ला