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नई दिल्ली, 21 फरवरी (हि.स.)। केंद्रीय पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने अंतरराष्ट्रीय अभिलेखागार परिषद (आईसीए) की दक्षिण एवं पश्चिम एशियाई क्षेत्रीय शाखा (स्वरबिका) के अभिलेखागार प्रमुखों की दो दिवसीय कार्यकारी निकाय बैठक का गुरुवार को उद्घाटन किया। इंडिया इंटरनेशनल सेंटर में आयोजित इस कार्यक्रम की मेजबानी आईसीए ने की। नेपाल, भूटान, बांग्लादेश और श्रीलंका के राष्ट्रीय अभिलेखागार प्रतिनिधियों ने उद्घाटन और व्यावसायिक दोनों सत्रों में भाग लिया। पाकिस्तान के राष्ट्रीय अभिलेखागार ने ऑनलाइन भाग लिया, जबकि ईरान के राष्ट्रीय अभिलेखागार वीज़ा मुद्दों के कारण भाग नहीं ले सके।
मुख्य अतिथि ने सदस्य देशों की साझा सांस्कृतिक और धार्मिक विरासत पर जोर दिया और सहयोग को मजबूत करने के लिए आदान-प्रदान कार्यक्रमों, डिजिटल संरक्षण में प्रशिक्षण और अभिलेखीय संरक्षण के महत्व को रेखांकित किया। भारतीय राष्ट्रीय अभिलेखागार के महानिदेशक और स्वरबिका के कोषाध्यक्ष अरुण सिंघल ने भारतीय राष्ट्रीय अभिलेखागार द्वारा किए गए अभिलेखों के डिजिटलीकरण पर एक व्यापक प्रस्तुति दी। यह स्वरबिका बैठक आठ वर्षों के अंतराल के बाद आयोजित की गई थी। पिछली बैठक का आयोजन 2017 में श्रीलंका के कोलंबो में हुआ था।
केंद्रीय संस्कृति मंत्रालय ने शुक्रवार को बताया कि कार्यकारी मंडल की बैठक के अलावा शुक्रवार को अभिलेखागार में डिजिटल संरक्षण के लिए एआई का उपयोग शीर्षक से एक संगोष्ठी का आयोजन किया गया। संगोष्ठी में डिजिटल संरक्षण में एआई की भूमिका का पता लगाया गया एवं इसके महत्व और अनुप्रयोगों पर प्रकाश डाला गया। आईसीए और दक्षिण एवं पश्चिम एशियाई क्षेत्रीय शाखा अभिलेखीय संस्थानों के लिए एक अंतरराष्ट्रीय संगठन है। यह पूरे क्षेत्र के अभिलेखपालों को सहयोग करने, पेशेवर सम्बंधों को मजबूत करने और अभिलेखीय संरक्षण को बढ़ाने के लिए एक मंच प्रदान करता है। स्वरबिका की स्थापना का विचार 1973 में बेल्जियम के ब्रसेल्स में आईसीए की कार्यकारी समिति की बैठक में रखा गया था। इसे आधिकारिक तौर पर 11 दिसंबर, 1976 को नई दिल्ली के विज्ञान भवन में एक औपचारिक कार्यक्रम का रूप दिया गया था।
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हिन्दुस्थान समाचार / विजयालक्ष्मी