डोगरी एवं कश्मीरी भाषा संघ ने मनाया अंतरराष्ट्रीय मातृभाषा दिवस
जम्मू, 21 फरवरी (हि.स.)। अंतरराष्ट्रीय मातृभाषा दिवस के अवसर पर डोगरी एवं कश्मीरी भाषा संघ ने संस्कृति एवं भाषा अकादमी जम्मू के के.एल. सभागार में साहित्यिक एवं सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन किया। इस अवसर पर जम्मू-कश्मीर विधानसभा में विपक्ष के नेता ए
समाराेह में मंच पर उपसिथत अतिथिगण््


जम्मू, 21 फरवरी (हि.स.)। अंतरराष्ट्रीय मातृभाषा दिवस के अवसर पर डोगरी एवं कश्मीरी भाषा संघ ने संस्कृति एवं भाषा अकादमी जम्मू के के.एल. सभागार में साहित्यिक एवं सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन किया।

इस अवसर पर जम्मू-कश्मीर विधानसभा में विपक्ष के नेता एवं विधायक सुनील कुमार शर्मा मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित रहे। इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ है और संगठन ने दोनों संभागों की दो मूल भाषाओं में इस तरह का कार्यक्रम आयोजित किया है। कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य डोगरी एवं कश्मीरी भाषाओं के भविष्य को लेकर था। इस अवसर पर साहित्य अकादमी में कश्मीरी भाषा के सदस्य मोहम्मद अमीन भट्ट ने मातृभाषा के प्रति विश्व भर के लोगों के विशेष लगाव के कुछ उदाहरण दिए।

वरिष्ठ साहित्यकार डॉ. अशोक खजूरिया ने डोगरी भाषा में डोगरी भाषा की उत्पत्ति एवं विकास पर विस्तृत जानकारी दी। साथ ही मातृभाषा के महत्व के बारे में भी अवगत कराया। मुख्य अतिथि सुनील शर्मा ने कार्यक्रम की प्रशंसा करते हुए कहा कि पहली बार जम्मू-कश्मीर दोनों प्रांतों की मुख्य भाषाएं एक साथ इस कार्यक्रम को कर रही हैं यह एकता का पावन अवसर है। उन्होंने दोनों भाषाओं के विकास के लिए हर संभव प्रयास करने का आश्वासन दिया। इस अवसर पर शिक्षा विभाग की संयुक्त निदेशक शुभा मेहता और जम्मू-कश्मीर कला संस्कृति एवं भाषा अकादमी की सचिव हरविंदर कौर भी उपस्थित थीं।

इस अवसर पर दूरदर्शन एवं आकाशवाणी जम्मू की निदेशक रेणु रैना, पद्मश्री मोहन सिंह स्लाथिया, विजय वर्मा, जम्मू विश्वविद्यालय के डोगरी विभाग के प्रोफेसर डॉ. पदमदेव सिंह, डोगरी जेकेएएसीएल की संपादक रीता खड़याल, बिंदिया टिक्कू, राजेंद्र रैना विशेष अतिथि थे। कार्यक्रम का संचालन साहित्य अकादमी पुरस्कार विजेता डॉ. आशु शर्मा (युवा अध्यक्ष, डोगरी भाषा अकादमी जम्मू) और अंजेर अली ने किया। अंत में साहिल बडयाल ने आभार व्यक्त किया।

मंच का उद्देश्य पहली से दसवीं कक्षा तक के स्कूलों में डोगरी और कश्मीरी भाषा को लागू करना और रहबर-ए-जुबान योजना के तहत विषय से संबंधित शिक्षकों की नियुक्ति करना है। कार्यक्रम का संचालन वसीम अहमद, रोशन बराल (अध्यक्ष, डोंगरी भाषा अकादमी, जम्मू), परवेज बरकत और स्वतंत्र मेहरा, हीना चौधरी, रुचि शर्मा, नेहा वर्मा, अजय सिंह आदि ने किया। कार्यक्रम में बड़ी संख्या में मीडियाकर्मी, विभिन्न भाषाओं के साहित्यकार, बुद्धिजीवी, कलाकार, छात्र और छात्राएं शामिल हुईं।

हिन्दुस्थान समाचार / अमरीक सिंह